
vasundhra raje
जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में रविवार को दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने राजस्थान में पेयजल की विकट समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार राजस्थान को विशेष अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता मुहैया कराने और प्रदेश के 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रस्तावित ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग की।
राजे ने बैठक में कहा कि ईआरसीपी की व्यवहार्यता रिपोर्ट को केन्द्रीय जल आयोग से सैद्धांतिक मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिलने से इस प्रोजेक्ट को गति मिलेगी। राजस्थान में पानी की कमी के साथ-साथ इसकी खराब गुणवत्ता भी बड़ी समस्या है। देश की फ्लोराइड प्रभावित आबादियों में से 53 प्रतिशत राजस्थान में हैं। फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में सतही जल आपूर्ति परियोजनाओं के लिए केन्द्र सरकार परियोजना लागत का 50 प्रतिशत हिस्सा वहन करे।
एसडीआरएफ नॉम्र्स के अनुसार कृषि इनपुट सब्सिडी के लिए अभी 2 हैक्टेयर की काश्त की अधिकतम सीमा है। राजस्थान में काश्त का आकार तो बड़ा है, लेकिन ज्यादातर भूमि असिंचित अथवा बंजर है। यहां की विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर कृषि इनपुट सब्सिडी के लिए एसडीआरएफ नॉम्र्स में बदलाव कर प्रति किसान काश्त की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 5 हैक्टेयर करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में लगभग 8-10 जिले हर वर्ष सूखे की चपेट में रहते हैं। भारत सरकार की उच्चस्तरीय कमेटी वर्ष 2010 के कृषि सर्वेक्षण में किसानों की संख्या के आधार पर कृषि इनपुट सब्सिडी की राशि का निर्धारण करती है। किसानों की वास्तविक संख्या से यह संख्या कम होने के कारण पूरी मदद नहीं मिल पाती है। सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों की वास्तविक संख्या और वास्तविक क्षेत्रफल के आधार पर मदद दी जानी चाहिए।
राजे ने जीएसटी परिषद के अंतर्गत राज्यों का एक समूह बनाने की बात रखी ताकि जीएसटी प्रणाली को लागू करने में सामने आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर किया जा सके।
महात्मा गांधी के नाम पर पर्यावरण संरक्षण अभियान का सुझाव
मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष की तैयारियों के सम्बन्ध में सुझाव दिया कि उनके नाम पर राजस्थान के मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की तर्ज पर पर्यावरण संरक्षण के लिए एक देशव्यापी अभियान शुरू किया जाए। उन्होंने केन्द्र सरकार को गौशालाओं के लिए संस्थागत सहायता बढ़ाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने प्रदेश में मंडियों, उप मंडियों एवं पशुधन मंडियों की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार से सहयोग की मांग की। उन्होंने कहा कि एमजेएसए के उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं। प्राथमिक रिपोर्टों के अनुसार भूजल स्तर में 1.3 मीटर तक की वृद्धि हुई है। रबी की फसल का रकबा 42 हजार हैक्टेयर बढ़ा है और हरित क्षेत्र में 300 हैक्टेयर की वृद्धि हुई है।
Published on:
17 Jun 2018 06:04 pm
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