मीनू ने बताया कि इस सफर के लिए कई सालों से ठान रखा था लेकिन कब जाना है और कैसे जाना है, यह सब एक मात्र एक सप्ताह पहले तय हुआ। मीनू कश्मीर के रास्ते उमलिंग ला गईं और मनाली के रास्ते वापस आईं। मीनू कहती हैं कि उन्होंने पहले से ही ठान रखा था कि अगर कभी लेह जाएंगी तो उमलिंग ला जरूर जाएंगी।
जब वह सफर पर निकली तो लोगों ने कहा कि उस रास्ते पर जाना बहुत कठिन है और वहां बर्फ भी बहुत ज्यादा पड़ती है, तुम वहां नहीं पहुंच पाओगी, इससे उनका संकल्प और भी दृढ़ हो गया। इन तानों से प्रेरित होकर मीनू ने सबसे अलग करने का फैसला कर लिया और अपनी अप्रिलिया स्कूटर से उमलिंग ला पहुंच कर लोगों को जवाब दिया। वह कहती हैं कि उन्हें इतनी ऊंचाई पर स्कूटर चलाने में कोई खास परेशानी नहीं हुई।
लड़कियों के सोलो ट्रिप(Solo Trip) करने पर मीनू कहती हैं कि घरवालों का चिंतित होना लाजिमी है लेकिन एक समय के बाद उन्हें परिवार के लोगों ने भी पूरी तरह से सपोर्ट किया। उनकी इस यात्रा में 26 हजार रुपए का खर्च आया। यह उनकी पहली और इतनी लंबी सोलो राइड(Solo Ride) थी। मीनू का कहना है कि अगर ठान लिया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है। सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है। जब मैं 43 वर्ष की उम्र में इस तरह का एडवेंचर कर सकती हूं तो हर उम्र में सब कुछ संभव है।