28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

TB Free: टीबी रोगियों के लिए चिकित्साकर्मियों की मानवीय पहल, पहले ही दिन 5000 से ज्यादा मरीजों को मिली पोषण किट

TB Patients Care: चिकित्सा विभाग के 3800 से ज्यादा कार्मिक बने टीबी रोगियों के सहायक, किट के साथ बढ़ाया आत्मबल। अधिकारियों से लेकर ग्राम पंचायत तक निक्षय मित्र बने चिकित्साकर्मी, रोगियों को मिल रहा पोषण और मानसिक संबल।

less than 1 minute read
Google source verification

जयपुर

image

Rajesh Dixit

Jul 27, 2025

प्रदेशभर में 27 से 31 जुलाई तक निक्षय पोषण किट वितरण अभियान। फोटो-पत्रिका।

प्रदेशभर में 27 से 31 जुलाई तक निक्षय पोषण किट वितरण अभियान। फोटो-पत्रिका।

Nikshay Mitra: जयपुर। चिकित्सा विभाग ने एक सराहनीय मानवीय पहल करते हुए "निक्षयमित्र" अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत चिकित्साकर्मी स्वयं आगे आकर टीबी रोगियों को पोषण किट प्रदान कर रहे हैं और उनके उपचार में सहयोगी बन रहे हैं।

राज्यभर में 27 जुलाई से 31 जुलाई 2025 तक "निक्षय पोषण किट वितरण अभियान" चलाया जा रहा है, जिसका शुभारंभ शनिवार को बीकानेर में चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने किया। उन्होंने इसे समाज सेवा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि चिकित्साकर्मियों का यह प्रयास मानवता की सेवा में मिसाल है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य टीबी रोगियों को बेहतर पोषण देकर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना है। उन्होंने स्वयं अजमेर जिले में निक्षय मित्र बनकर रोगियों को पोषण किट वितरित कीं और इस पहल को प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया।

अभियान के पहले दिन राज्यभर में 3822 चिकित्साकर्मियों ने 5112 टीबी रोगियों को पौष्टिक आहार किट वितरित किए। जयपुर जिले के सी-स्कीम स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल डिस्पेंसरी में आयोजित कार्यक्रम में निदेशक (जन स्वास्थ्य) डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने किट वितरण कर अभियान की विधिवत शुरुआत की।

इस अभियान की खास बात यह है कि इसे जिले से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक समान रूप से संचालित किया जा रहा है। चिकित्साकर्मी स्वयं मरीजों को गोद लेकर उन्हें पोषण, मानसिक सहयोग और सामाजिक समर्थन प्रदान कर रहे हैं। यह कदम न केवल टीबी रोगियों के आत्मबल को बढ़ा रहा है, बल्कि समाज को भी इस दिशा में जागरूक कर रहा है।

राजस्थान सरकार की यह पहल निःसंदेह टीबी उन्मूलन के प्रयासों को नई गति देगी और एक संवेदनशील स्वास्थ्य व्यवस्था का उदाहरण प्रस्तुत करेगी।