शुक्रवार को हुए गिरफ्तार किए गए सुनील मीणा को पुलिस ने पांच दिन के रिमांड पर लिया है। उससे पता लगाने में जुटी है कि फरारी के दौरान किस-किस ने उसकी मदद की और हत्या में कोई और भी शामिल था क्या। गौरतलब है कि 9 जून 2013 को आइआरएस श्रीराम मीणा की हत्या हुई थी। लम्बी तफ्तीश के बाद पुलिस ने सुनील मीणा को आरोपी मानकर उसे फरार घोषित कर 50 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया था।
मामले में पुलिस पर प्रताड़ना के आरोप लगाकर आरोपी कमल ने आत्महत्या कर ली थी। दूसरी ओर सुनील फरार हो गया तो परिजनों ने उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। पुलिस की पूछताछ में सुनील ने बताया कि वह इस मामले को लेकर इतना घबरा चुका था कि उसे किसी पर विश्वास नहीं था। वह कहीं पर नौकरी भी नहीं करना चाहता था। क्योंकि मामला इतना हाईप्रोफाइल था कि हर कोई जानने लगा था। वह रिश्तेदारों के जाता तो 10-15 दिन बाद ही वहां से निकल जाता था। अधिकांश वक्त खानाबदोश तरीके से रहा।