
ब्रिटिशकाल में टिड्डियों की सूचना देते थे पोस्टकार्ड से
जयपुर। इन दिनों टिड्डियों (tiddi attack) के हमले से राजस्थान सहित दिल्ली-हरियाणा और अन्य राज्य प्रभावित हैं। लाखों की तादाद में टिड्डी दल पेड़-पौधे, फसलें चौपट कर रही हैं। भारत में स्थापित टिड्डी नियंत्रण कार्यक्रम (locust control organization) में दुनिया में सबसे पुराना है। इसके संगठन की स्थापना को भी 81 साल हो चुके हैं।
ब्रिटिशकालीन भारत में भी टिड्डी दल का आतंक रहता था। तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने 1939 में टिड्डी चेतावनी संगठन स्थापित किया। इसका निदेशालय दिल्ली में था। जबकि सब स्टेशन कराची (पाकिस्तान) में था। संगठन का काम थार रेगिस्तान में टिड्डी की निगरानी और गतिविधियों की सूचना देना था।
पोस्टकार्ड से देते थे सूचना
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एन्ड कल्चरल हैरिटेज के अजमेर चेप्टर संयोजक महेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि भारत में टिड्डी का प्रकोप बरसों से कायम है। ब्रिटिशकाल में संचार के आधुनिक संसाधन नहीं थे। लेकिन तत्कालीन सरकार ने हल्का पटवारियों को दो अलग-अलग पते वाले पोस्टकार्ड दे रखे थे। इनमें दिल्ली और कराची का पता होता था। संबंधित पटवारी और स्टाफ पोस्टकार्ड से टिड्डियों की सूचना देते थे। मौजूदा वक्त टिड्डी चेतावी संगठन में 250 से ज्यादा कार्मिक कार्यरत हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच टिड्डी नियंत्रण और चेतावनी को लेकर बैठक भी होती है।
कब-कब पहुंचाया नुकसान
टिड्डियों ने कई बार नुकसान पहुंचाया है। टिड्डी चेतावनी संगठन के अनुसार, वर्ष 1812, 1821, 1876, 1889, 1907, 1912, 1926, 1931, 1941, 1945, 1955, 1959, 1962, 1978, 1993, 1997, 2002, 2005, 2010-11 ने भारी क्षति पहुंचाई।
Published on:
03 Jul 2020 08:27 pm
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