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वैश्विक AI रैंकिंग में भारत ने लगाई छलांग: तीसरे पायदान पर पहुंचा, राजस्थान का भी अहम योगदान

यूके-कोरिया को पीछे छोड़ा। भारत की सफलता के पीछे स्टार्टअप, टैलेंट और इंडिया एआई मिशन का कमाल।

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जयपुर

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MOHIT SHARMA

Dec 17, 2025

जयपुर. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में भारत ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की 2025 ग्लोबल एआई वाइब्रेंसी टूल रिपोर्ट (2024 डेटा पर आधारित) में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। स्कोर 21.59 के साथ भारत ने अमेरिका (78.6) और चीन (36.95) के बाद जगह बनाई, जबकि साउथ कोरिया (17.24) और ब्रिटेन (16.64) को पीछे छोड़ दिया। पिछले साल सातवें स्थान पर रहने वाला भारत महज एक साल में चार पायदान ऊपर चढ़ गया। यह रिपोर्ट एआई इकोसिस्टम की गतिविधि और प्रतिस्पर्धा को 7 पैमानों—रिसर्च, टैलेंट, इकोनॉमी, पॉलिसी, इंफ्रास्ट्रक्चर, रिस्पॉन्सिबल एआई और पब्लिक ओपिनियन पर आंकती है। यह रैंकिंग साबित करती है कि भारत न सिर्फ उभरती अर्थव्यवस्थाओं का लीडर है, बल्कि ग्लोबल एआई रेस में मजबूत दावेदार बन चुका है।

भारत की इस सफलता के पीछे का राज

भारत की यह छलांग स्टार्टअप बूम, एआई टैलेंट पूल और मजबूत सरकारी नीतियों का नतीजा है। 2024 में एआई से जुड़े गिटहब प्रोजेक्ट्स में भारत दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता बना। हेल्थकेयर, एजुकेशन, फाइनेंस और लॉजिस्टिक्स जैसे सेक्टरों में एआई का तेज इस्तेमाल हो रहा है। इंडिया एआई मिशन ने 10,300 करोड़ रुपये के बजट से 10,000+ जीपीयूएस, डेटा प्लेटफॉर्म और एथिकल एआई फ्रेमवर्क को बढ़ावा दिया। रिसर्च में पेटेंट और पब्लिकेशन बढ़े, जबकि एकेडमिया-इंडस्ट्री सहयोग ने इनोवेशन को गति दी।

चुनौतियां अभी भी बाकी

उपलब्धि के बावजूद भारत को कटिंग-एज रिसर्च, हाई-वैल्यू इन्वेस्टमेंट और डेटा क्वालिटी में अमेरिका-चीन से आगे निकलना है। फाउंडेशनल मॉडल्स और एडवांस इंफ्रा में अभी गैप है। विशेषज्ञ कहते हैं कि रिस्पॉन्सिबल एआई रेगुलेशन और ग्रामीण पहुंच बढ़ाकर भारत अगले दशक में सुपरपावर बन सकता है।

राजस्थान का भी महत्वपूर्ण योगदान

स्टैनफोर्ड की 2025 ग्लोबल एआई वाइब्रेंसी रिपोर्ट में भारत की तीसरी रैंकिंग नेशनल लेवल की है, राजस्थान का इसमें अप्रत्यक्ष लेकिन मजबूत योगदान है। राज्य तेजी से एआई हब बन रहा है, जो भारत के टैलेंट पूल, स्टार्टअप इकोसिस्टम और रिसर्च को बूस्ट दे रहा है।

मुख्य योगदान

आईआईटी जोधपुर का रोल

राजस्थान में आईआईटी जोधपुर की स्कूल ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डेटा साइंस एआई रिसर्च में अग्रणी है। यहां जेनरेटिव एआई, रोबोटिक्स और कंप्यूटेशनल न्यूरोसाइंस पर काम हो रहा है। मेटा के साथ 'श्रिजन' सेंटर फॉर जेनरेटिव एआई लॉन्च किया गया, जो नेशनल लेवल पर फाउंडेशनल मॉडल्स डेवलप कर रहा है।

स्टार्टअप इकोसिस्टम

जयपुर का भामाशाह टेक्नो हब भारत का सबसे बड़ा इंक्यूबेशन सेंटर है, जहां सैकड़ों स्टार्टअप्स (कई एआई बेस्ड) को सपोर्ट मिलता है। आई स्टार्ट प्रोग्राम से 7,000+ स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड, जो भारत के एआई स्टार्टअप बूम में योगदान दे रहे हैं।

राजस्थान एआई पॉलिसी 2025

राज्य की नई एआई पॉलिसी इंडिया एआई मिशन से अलाइन है। एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, डेटा सेंटर्स और स्किलिंग पर फोकस। गूगल जैसे ग्लोबल प्लेयर्स राजस्थान में एआई एनर्जी प्रोजेक्ट्स (सोलर) सपोर्ट कर रहे हैं।

अन्य इनिशिएटिव्स

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ऑफ थिंग्स फ्रेब्रिकेशन फैसिलिटी (आईआईटी जोधपुर), एग्रीकल्चर और मिनरल एक्सप्लोरेशन में एआई यूज, जो नेशनल टैलेंट और इनोवेशन को बढ़ावा देता है।

ये प्रयास भारत के एआई टैलेंट, रिसर्च और इंफ्रा पिलर्स को मजबूत कर रहे हैं, जिससे ग्लोबल रैंकिंग में मदद मिली। राजस्थान उभरता एआई हब बनकर भारत की सफलता में अपना हिस्सा डाल रहा है।

टॉप-5 देशों की रैंकिंग

अमरीका- 78.6
चीन- 36.95
भारत- 21.59
साउथ कोरिया- 17.24
ब्रिटेन- 16.64

भारत के मजबूत पक्ष

  • एआई टैलेंट में विश्व में सबसे तेज ग्रोथ
  • स्टार्टअप्स का तेज विस्तार
  • इंडिया एआई मिशन से इंफ्रा बूस्ट
  • रिसर्च पब्लिकेशन और पेटेंट में उछाल