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Bundi Utsav 2019 : दमक उठा शहर का वैभव, पावणों की बहार, देखें वीडियो

हाड़ौती के पर्यटन पर्व ‘बूंदी उत्सव-2019’ का आगाजदीपों से सजेगा नवल सागर84 खंभों की छतरी पर लोकरंग की धूम30 नवम्बर तक होंगेे रंगारंग कार्यक्रमदेशी-विदेशी पर्यटकों की उमड़ी भीड़

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जयपुर

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Savita Vyas

Nov 16, 2019


जयपुर। Bundi Utsav 2019 : हाड़ौती (hadoti) के पर्यटन पर्व ‘बूंदी उत्सव 2019’ (bundi utsav) का आगाज होते ही छोटी काशी का सांस्कृतिक वैभव दमक उठा है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटकों (tourist) का बूंदी पहुंचने का सिलसिला जारी है। पर्यटकों का परंपरागत तरीके से माला और साफों से स्वागत किया जा रहा है।

आपको बता दें गढ़ पैलेस परिसर में जिला कलक्टर रुक्मणि रियार ने गढ़ गणेश पूजन और उत्सव का ध्वज चढ़ाकर उत्सव की शुरुआत की। इसके साथ ही 15 दिवसीय उत्सव का रंग बूंदी में घुल गया। इस दौरान शोभायात्रा निकाली गई, जो प्रमुख मार्गों से होते हुए पुलिस परेड ग्राउण्ड पर पहुंची। यहां पर देशी-विदेशी पर्यटकों के बीच हुई रस्साकशी, साफा बंधन, घोड़ा दौड़ एवं ऊंट दौड़ ने लोगों में रोमांच पैदा कर दिया। यहां घोड़ों की दौड़ आकर्षण का केंद्र रही। उत्सव के तहत खेल संकुल परिसर 15 से 25 नवम्बर तक उद्योग एवं हस्तशिल्प मेले का आयोजन किया जाएगा।

बूंदी उत्सव के दौरान टैरेस गार्डन में क्लासिकल म्यूजिक विद योगा कार्यक्रम होगा। सुखमहल में मान मनुहार की जाएगी। इसमें देशी-विदेशी पावणों को देसी पकवान परोसेंगे। 84 खंभों की छतरी पर सांस्कृतिक संध्या होगी। जादूगर चम्पालाल सुमन कलक्ट्रेट परिसर से आंखों पर पट्टी बांधकर बाइक चलाएंगे। बूंदी उत्सव के तहत उपखण्ड मुख्यालयों पर भी उत्सव की धूम रहेगी और सांस्कृतिक कार्यक्रम व ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिताओं के आयोजन होंगे।

पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अधीन पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों एवं आमजन के लिए नि:शुल्क प्रवेश की सुविधा रहेगी। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक प्रकाश चन्द्र शर्मा ने बताया कि 15 से 17 नवम्बर तक रानीजी की बावडी, 84 खंभों की छतरी, सुखमहल एवं राजकीय संग्रहालय तथा 26 से 30 नवम्बर तक 84 खंभों की छतरी पर पर्यटकों एवं आमजन का प्रवेश नि:शुल्क रहेगा।

खेल संकुल परिसर में 15 से 25 नवम्बर तक उद्योग एवं हस्तशिल्प मेले का आयोजन किया जाएगा। मेले की शुरुआत 15 नवम्बर को शाम 4.30 बजे होगी। इसके साथ ही अमृता हाट भी लगेगा। इसमें स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर से हस्त निर्मित उत्पादन प्रदर्शन और बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे।