24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Mining: राज्य में खनन गतिविधियों में आधुनिकतम तकनीकें शामिल हो

खनन गतिविधियों ( mining activities ) से उड़ीसा में सबसे अधिक 30 हजार करोड़ के राजस्व संग्रहण का लक्ष्य हैं, वहीं पारदर्शी और पूरी तरह से तकनीक व सूचना प्रोद्यौगिकी आधारित ( information technology ) व्यवस्थाओं के चलते छीजत की संभावनाओं पर अंकुश लगा हुआ है। खनन ब्लॉकों ( mining blocks ) की नीलामी और ऑनलाइन डाटा प्रक्रिया का अध्ययन करके आए अतिरिक्त निदेशक मुख्यालय एनके कोठ्यारी और एमई सतर्कता जयपुर जीनेश उमड ने अध्ययन रिपोर्ट में दी है।

less than 1 minute read
Google source verification
राज्य में खनन गतिविधियों में आधुनिकतम तकनीकें शामिल हो

राज्य में खनन गतिविधियों में आधुनिकतम तकनीकें शामिल हो

जयपुर। खनन गतिविधियों से उड़ीसा में सबसे अधिक 30 हजार करोड़ के राजस्व संग्रहण का लक्ष्य हैं, वहीं पारदर्शी और पूरी तरह से तकनीक व सूचना प्रोद्यौगिकी आधारित व्यवस्थाओं के चलते छीजत की संभावनाओं पर अंकुश लगा हुआ है। यह जानकारी मंगलवार को एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल को उड़ीसा में खनन ब्लॉकों की नीलामी और ऑनलाइन डाटा प्रक्रिया का अध्ययन करके आए अतिरिक्त निदेशक मुख्यालय एनके कोठ्यारी और एमई सतर्कता जयपुर जीनेश उमड ने अध्ययन रिपोर्ट में दी है।
खनन की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रदेशों उड़ीसा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक की नीलामी व डाटा व्यवस्था का अध्ययन करने के लिए चार दलों को भेजा गया था। राज्य में विपुल खनन संपदा को देखते हुए खनिज खोज व खनन के क्षेत्र में नवाचारों व आधुनिक तकनीक को अपनाने की आवश्यकता है। राज्य में खनिजों की खोज और वैज्ञानिक विधि से खनन पर जोर दिया जा रहा है।
एडीएम कोठ्यारी ने बताया कि उड़ीसा में उच्च आय के खनिज आयरन 8500 रुपए, क्रोमाइट 17,000 रुपए, मैगनीज 22,000 रुपए और ग्रेफाइट 36,000 रुपए टन की औसत दर वाले खनिजों के खनन से अधिक राजस्व प्राप्त होता है, जबकि प्रदेश में प्रमुख रुप से लाइमस्टोन के भण्डार की औसत दर 450 रुपए प्रतिटन होने से राजस्व कम प्राप्त होता है। उड़ीसा में खनिजों की गुणवत्ता व भण्डार की जांच के लिए गुणवत्तायुक्त प्रयोगशाला है और एक्सआरएफ एनालाइजर के माध्यम से प्रयोगशाला में त्वरित व त्रुटीपूर्ण जांच होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य में भी खनन गतिविधियों में आधुनिकतम तकनीक और प्रयोगशाला को इक्विपमेंट संपन्न बनाना चाहिए। इसी तरह से ड्रोन का उपयोग, परिवहन व तुलाई का भी तकनीक आधारित तंत्र विकसित है।