
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर मुख्यालय की टीम ने अजमेर एसओजी चौकी प्रभारी एएसपी दिव्या मित्तल को 50 लाख रुपए रिश्वत मांगने के मामले में सोमवार देर शाम को गिरफ्तार कर लिया। मित्तल ने दलाल सुमित कुमार विश्नोई (बर्खास्त कांस्टेबल) के जरिए आगरा निवासी व हरिद्वार की जेपीपीई ड्रग्स दवा निर्माता कंपनी के मालिक विकास अग्रवाल से अजमेर में दर्ज एक एनडीपीएस प्रकरण में मदद करने की कहकर 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी। परिवादी ने इतनी बड़ी रकम देने से मना कर दिया तो एएसपी ने 50 लाख रुपए में सौदा तय किया। एसीबी दलाल को रिश्वत राशि लेते पकड़ती, उससे पहले ही दलाल व एएसपी को भनक लग गई और रिश्वत की राशि लेने से पहले ही दलाल भाग गया। तब एसीबी ने रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया।
फोन करने वाला जैसा कहे, वैसा ही करना है
एडीजी दिनेश एम.एन. ने बताया कि गिरफ्तार एएसपी (वर्ष 2010 बैच की आरपीएस) दिव्या मित्तल करीब दो वर्ष से अजमेर एसओजी चौकी प्रभारी थी। हरिद्वार निवासी परिवादी 4 जनवरी को एसीबी मुख्यालय पहुंचा और शिकायत दी कि अजमेर के रामगंज थाने में वर्ष 2021 में नशीली दवा का एक मुकदमा दर्ज हुआ। उस मुकदमे में एसओजी की अनुसंधान अधिकारी एएसपी दिव्या मित्तल ने परिवादी को नोटिस जारी कर तीन बार अजमेर कार्यालय में बुलाया। चौथी बार 3 जनवरी को बुलाया। परिवादी मर्सिडीज से एएसपी के कार्यालय में 3 जनवरी को पहुंचा। मित्तल ने परिवादी को तीन चार घंटे बैठाए रखा। परिवादी ने एक मिलने वाले से सिफारिश करवाई तो मित्तल ने कहा कि इधर-उधर से सिफारिश करवाने की जरूरत नहीं है। मैं तुम्हारी मदद कर दूंगी। कुछ देर बाद परिवादी को उदयपुर रोड पर जाने की कहकर भेज दिया और कहा कि उसके पास एक फोन आ जाएगा। फोन करने वाला जैसा कहे, वैसा ही करना।
इंटरनेट कॉल आया, पहले नाथद्वारा बुलाया फिर उदयपुर
परिवादी उदयपुर की तरफ रवाना हो गया, तभी उसके पास सुमित कुमार ने इंटरनेट कॉल किया। सुमित ने परिवादी को नाथद्वारा बुलाया। परिवादी 3 जनवरी को ही नाथद्वारा पहुंचा, लेकिन फिर कॉल कर उदयपुर बुलाया। उदयपुर पहुंचा तो वहां पर कई चक्कर कटवाए, फिर दो लग्जरी गाड़ी में सुमित आठ-दस लोगों के साथ आया। परिवादी की गाड़ी को एस्कोर्ट करते हुए दिव्या मित्तल के नेचर हिल पैलेस रिसोर्ट ले गए। बर्खास्त कांस्टेबल दलाल सुमित परिवादी को एक कमरे में ले गया और उसके कपड़े खुलवा दिए। मिर्सडीज देखकर परिवादी को गिरफ्तारी से बचने के लिए 2 करोड़ रुपए देने के लिए कहा। परिवादी ने इतनी बड़ी राशि देने से इनकार किया तो एक करोड़ रुपए मांगे। दिव्या मित्तल से भी बात करवाई। रुपए कम नहीं किए तो परिवादी ने परिजन से पूछने की कहकर 2 दिन का समय मांगा और 4 जनवरी को एसीबी में पहुंचकर इस संबंध में शिकायत दी।
पैसे कम करने को कहा तो बोली-मेरे स्तर का नहीं है... यह ऊपर तक का रहता है
एसीबी के एएसपी बजरंग सिंह शेखावत ने 8 जनवरी को एएसपी दिव्या मित्तल के रिश्वत मांगने का सत्यापन किया। फिर 12 जनवरी को परिवादी अजमेर में एएसपी मित्तल के कार्यालय में पहुंचा। बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि रिश्वत की राशि कम करने की बात को लेकर एएसपी दिव्या मित्तल परिवादी से बोली कि बनिए की दुकान है क्या, मैंने तो 8 माह से आपको परेशान नहीं किया। मेरे स्तर का नहीं है... यह ऊपर तक का रहता है। पैसे तो पूरे देने होंगे, लेकिन बाद में रिश्वत की राशि 50 लाख रुपए तय किए, जिसमें 25 लाख रुपए उसी दिन देना तय किया। शेष 25 लाख रुपए परिवादी के घर में एक शादी होने के बाद देना तय किया। एएसपी मित्तल ने 25 लाख रुपए दलाल सुमित कुमार को देने के लिए कहा और परिवादी को सुमित के पास जाने की बात कहते हुए भेज दिया।
दलाल तेजी से लग्जरी कार दौड़ाते हुए आया, शक हुआ तो भाग गया
एएसपी बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि 12 जनवरी को परिवादी के पास सुमित कुमार का इंटरनेट कॉल आया और उसने शाम चार-पांच बजे तक अजमेर पहुंचने के लिए कहा। परिवादी एक होटल में ठहर गया। शाम को परिवादी को अजमेर हाईवे पर बुलाया। एसीबी टीम हाईवे पर पहले से ही तैनात थी। परिवादी के हाईवे पर पहुंचने से पहले सुमित कुमार रफ्तार में दौड़ाते हुए दो बार लग्जरी कार लेकर आया और आगे निकल गया। परिवादी वहां पहुंचा तो सुमित रिश्वत की राशि लेने नहीं आया। शक होने पर आरोपित सुमित को भाग गया। तब एसीबी ने रिश्वत मांगने का मामला दर्ज कर सोमवार को एएसपी दिव्या मित्तल को गिरफ्तार किया।
Published on:
17 Jan 2023 08:26 am
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