18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आईफ्लू होते ही तुरंत हों आइसोलेट, दूसरे का ये सामान नहीं करें इस्तेमाल, जानें पूरा मामला

आईफ्लू होने पर खुद को घर में आइसोलेट कर लें। वहीं मरीज खुद के मोबाइल, आईड्रॉप, रुमाल, तौलिए अलग रखें। इससे घर या ऑफिस में लोगों को इसका शिकार होने से बचा सकेंगे। राजधानी में आईफ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। निजी व सरकारी अस्पतालों में नेत्ररोग विभाग की ओपीडी में 30 से 35 प्रतिशत मरीज आईफ्लू के आ रहे हैं।

less than 1 minute read
Google source verification
आईफ्लू होते ही तुरंत हों आइसोलेट, दूसरे का ये सामान नहीं करें इस्तेमाल, जानें पूरा मामला

आईफ्लू होते ही तुरंत हों आइसोलेट, दूसरे का ये सामान नहीं करें इस्तेमाल, जानें पूरा मामला

जयपुर. आईफ्लू (eye flu) होने पर खुद को घर में आइसोलेट कर लें। वहीं मरीज खुद के मोबाइल, आईड्रॉप, रुमाल, तौलिए अलग रखें। इससे घर या ऑफिस में लोगों को इसका शिकार होने से बचा सकेंगे। राजधानी में आईफ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। निजी व सरकारी अस्पतालों में नेत्ररोग विभाग की ओपीडी में 30 से 35 प्रतिशत मरीज आईफ्लू के आ रहे हैं।

सवाई मानसिंह अस्पताल के नेत्ररोग विभाग के चिकित्सकों ने कहा कि रोज 200 से 250 मरीज आईफ्लू के आ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा छोटे बच्चे व युवा हैं। वहीं उनके संपर्क में आने से उनके माता-पिता, परिजन भी शिकार हो रहे हैं। बच्चों से स्कूलों में भी संक्रमण बढ़ रहा है।

बच्चों में बुखार के लक्षण, घबराएं नहीं

नेत्र चिकित्सकों ने बताया कि इस फ्लू के दो प्रकार (eye flu symptoms) हैं, लेकिन खास बात है कि ये आंख के विजन को नुकसान नहीं पहुंचाता है। संभवत: पांच से सात दिन में मरीज ठीक हो जाता है। हालांकि कुछ बच्चों में बहती नाक और कफ की वजह से भी आंख पर असर आ जाता है। कुछ बच्चों में आईफ्लू की वजह से बुखार के लक्षण भी मिल रहे हैं। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है।

नहीं मिल रही आईड्रॉप

आईफ्लू के मरीज बढऩे से एसएमएस अस्पताल में आईड्रॉप का संकट हो गया है। इससे मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है।

बिना चिकित्सकीय परामर्श के नहीं डालें कोई दवा

आईफ्लू हवा में नहीं, बल्कि छूने से फैलता है। संक्रमित होने पर आंखों को छूए नहीं। संक्रमित व्यक्ति की वस्तुएं नहीं छूएं। बिना चिकित्सकीय परामर्श के कोई दवा आंख में नहीं डालें।
-डॉ. पंकज शर्मा, विभागाध्यक्ष, नेत्ररोग विभाग, एसएमएस अस्पताल