
जीवन के लिए जल, जंगल बचाना जरूरी - डॉ. राजेंद्र सिंह
मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा कि आज से 30 साल पहले जल के अभाव में ग्रामीण गीत गाते थे 'बादल तो आते हैं.. रूठ कर चले जाते हैं। वहीं अब जल संरक्षण के लिए जोहड़, बांध बनाने से गीत का रूपांतरण इस तरह हो गया- 'बादल तो आते हैं.. लेकिन रूठते नहीं हैं। डॉ. सिंह बुधवार को भारत सेवा संस्थान और महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज की ओर से 'सेव द अर्थ' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के सहयोग से जल के अणु बने, जिसकी परिणति नदियों के रूप में हुई। इन्हीं नदियों के आसपास मानव सभ्यता का विकास हुआ।
संगोष्ठी में देशभर से आए प्रतिभागियों ने अपने-अपने क्षेत्र में नदियों को पुनर्जीवित करने के प्रयास साझा किए। संगोष्ठी के आयोजक भारत सेवा संस्थान के सचिव जीएस बाफना ने कहा कि पृथ्वी पर जीवन बचाने के लिए पहले जल, जंगल और जमीन को बचाना आवश्यक है। महात्मा गांधी संस्थान के निदेशक प्रो. बीएम शर्मा ने कहा कि व्यक्ति और समाज में संतुलन बनाने के लिए जरूरी है कि पर्यावरण रक्षण के लिए हर व्यक्ति अपने स्तर पर प्रयास करे।
Published on:
28 Jun 2023 08:18 pm
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