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राजस्थान में चिल्लई कलां 7वें ​दिन भी बेअसर; दिसंबर में कड़ाके की सर्दी गुम, पौष में पारा जमाव बिंदू से दूर

Rajasthan weather: जयपुर। दिसंबर का महीना खत्म होने को है और नववर्ष का आगमन होने वाला है, लेकिन अब तक राजस्थान में कड़ाके की सर्दी का दौर शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है।

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राजस्थान में सुबह शाम में सर्दी के तीखे तेवर, पत्रिका फोटो
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राजस्थान में सुबह शाम में सर्दी के तीखे तेवर, पत्रिका फोटो

Rajasthan weather: जयपुर। दिसंबर का महीना खत्म होने को है और नववर्ष का आगमन होने वाला है, लेकिन अब तक राजस्थान में कड़ाके की सर्दी का दौर शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है। हालांकि दो दिन पहले हिमालय तराई इलाकों में हुए हिमपात से उत्तरी हवा प्रदेश के मैदानी भागों तक पहुंची जिसके असर से सर्दी के तेवर एकाएक तीखे हुए लेकिन अब फिर से कुछ इलाकों को छोड़कर प्रदेश के शेष भागों में मौसम शुष्क होने लगा है।

कश्मीर में हर साल 21 दिसंबर से चिल्लई कलां शुरू होता है जिससे देश और प्रदेश के मैदानी भागों में भीषण सर्दी का दौर भी शुरू हो जाता है लेकिन इस बार चिल्लई कलां के 7 दिन बीतने पर भी सर्दी के तेवर तीखे नहीं हो सके हैं।

पौष मास में उम्मीद से कम सर्दी

सामान्यतया पौष मास को सबसे ज्यादा सर्द मास माना जाता है। कड़ाके की सर्दी और शीतलहर के साथ कोहरा और मावठ का दौर भी सक्रिय होता है। लेकिन इस बार पौष मास में प्रदेश के अधिकांश शहरों में पारा जमाव बिंदू से आ​गे ही दर्ज हुआ है। सीकर के फतेहपुर में बीते दिनों पारा जमाव बिंदू के नजदीक तक पहुंचा लेकिन अब फिर से पारे में बढ़ोतरी होने पर सर्दी के तेवर नर्म पड़ गए हैं।

चिल्लई कलां क्या है?

चिल्लई कलां कश्मीर में सर्दियों के 40 दिनों के सबसे कठोर और भीषण ठंड के दौर को कहते हैं, जो हर साल 21 दिसंबर से शुरू होकर 30 या 31 जनवरी तक चलता है, इस दौरान तापमान बहुत गिर जाता है, पानी जमने लगता है और भारी बर्फबारी होती है, जिसके बाद चिल्लई खुर्द (20 दिन की हल्की ठंड) और चिल्लई बच्चा (10 दिन की छोटी ठंड) आते हैं।

यह फारसी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है "बड़ी सर्दी" या "40 दिनों की सबसे कठोर सर्दी"।
यह कश्मीर की सर्दियों का सबसे सर्द और मुश्किल समय होता है, जब तापमान शून्य से काफी नीचे चला जाता है।
इस दौरान डल झील जम जाती हैं और जलापूर्ति वाली पाइपलाइनों में भी बर्फ जम जाती है।

कब से कब तक रहती है समयावधि

  • शुरुआत: 21 दिसंबर
  • समाप्ति: 30 या 31 जनवरी
  • कुल अवधि: 40 दिन

इसके बाद क्या आता है?

  • चिल्लई खुर्द (Chillai Khurd): 30 जनवरी से 18 फरवरी तक चलने वाली 20 दिनों की हल्की ठंड।
  • चिल्लई बच्चा (Chillai Bacha): 19 फरवरी से 28 फरवरी तक चलने वाली 10 दिनों की सबसे हल्की सर्दी (बेबी कोल्ड)।

राजस्थान के शहरों में आज का न्यूनतम तापमान

स्टेशनअधिकतम तापमान (°C)सामान्य से अंतरन्यूनतम तापमान (°C)सामान्य से अंतरआर्द्रता (%) 0830 ISTआर्द्रता (%) 1730 IST
अजमेर24.8-0.17.9-2.48441
अलवर23.85.29542
बाड़मेर29.02.613.12.75734
भीलवाड़ा22.6-2.2NA46
बीकानेर26.01.612.03.85628
चित्तौड़गढ़27.22.66.0-0.59456
चूरू24.71.36.81.97336
जयपुर-AMO23.70.29.60.97540
जैसलमेर27.53.311.01.66725
जोधपुर27.80.88.91.36226
कोटा23.0-1.27.0-4.49246
फलोदी26.0-0.313.26.65638
पिलानी25.02.96.31.78426
सीकर24.00.65.0-0.48528
श्रीगंगानगर26.35.08.92.78952
उदयपुर23.9-1.37.0-0.99058

बीती रात 9 शहरों में पारा 10 डिग्री से कम

बीती रात प्रदेश के 9 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया। अलवर 5.2 और सीकर 5.0 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ सबसे सर्द रहे। सीकर के फतेहपुर कृषि अनुसंधान केंद्र पर 3.5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।

जयपुर समेत अन्य शहरों में रात के तापमान में एक दो डिग्री सेल्सियस तक गिरावट दर्ज हुई लेकिन हवा की थमी रफ्तार के कारण सुबह और शाम के वक्त ही सर्दी का असर महसूस हो रहा है। प्रदेश के अधिकांश शहरों में अब दिन का तापमान सामान्य या उससे कम दर्ज हो रहा है।


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