पथराव में फंसी बस के परिचालक जितेन्द्र सिंह ने पत्रिका को बताया कि नौ बजे बस लेकर रामपुरा यूपी के लिए रवाना हुए। करीब 9.40 बजे ईदगाह के पास भारी भीड़ थी। लोग बस को आगे नहीं जाने दे रहे थे। सडक़ के साइड में बस को रोक लिया। बस में वनस्थली विद्यापीठ की 20-25 लड़कियां थी। इसलिए बस में ही बैठे रहना उचित समझा। पथराव शुरू हुआ, भीड़ बस की ओर बढऩे लगी। ऐसे में चालक को इशारा दे बस को दौड़ाया। करीब डेढ़ किमी आगे जाकर बस रोकी और यात्रियों की कुशलक्षेप पूछी।
गंागापोल और दशहराकोठी इलाके में पत्थरबाजी की घटना के बाद पूरे शहर में एक बार कर्फ्यू लगने की अफवाह फैल गई। कई लोगों ने के ‘पत्रिका ’ के दफ्तार में भी फोन कर सही स्थिति की जानकारी ली। हालांकि पुलिस ने रात 12 बजे तक हालात पर पूरी तरह से काबू कर लेने का दावा किया। इसबीच कफ्र्यू नहीं लगने की जानकारी मिलने पर लोगों ने भी राहत की सांस ली। एडिशनल कमिश्नर द्वितीय अजय पाल लांबा पुलिस दल-बल के साथ रावलजी का बाजर में देर रात तक डटे रहे। देर रात पुलिस की साइबर सेल अफवाह फैलाने वालों की धर पकड़ मे जुटी हुई है।
रावलजी का बाजार में पथराव कम होता इससे पहले दशहरा कोठी की ओर से पथराव की सूचना आ गई। पुलिस ने घरों के बाहर खड़े लोगों को घर में जाने की अपील की। कई जगह हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को हटाया। पथराव में घायल हुए राज वीरेंद्र ने बताया कि युवकों के विवाद में किसी ने पथराव शुरू कर दिया। दशहरा कोठी की ओर स्थिति बिगडऩे से पहले ही पुलिस ने सम्भाल लिया।