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दिल्ली रोड स्थित बेशकीमती सरकारी जमीन को लेकर सोमवार को जेडीए और हैरिटेज नगर निगम की संयुक्त टीम ने निरीक्षण किया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि, विवादित जमीन जेडीए स्वामित्व की है। इस पर अवैध रूप से तीन दुकानें बना ली गईं, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि नगर निगम ने अब तक इस मामले में प्राथमिकी तक दर्ज नहीं करवाई।
राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबरों के आधार पर जेडीए ने रविवार को जांच के लिए एक समिति गठित की, जिसमें जोन-2 के उपायुक्त, तहसीलदार, सहायक नगर नियोजक, प्रवर्तन अधिकारी और पटवारी को शामिल किया गया। इसके साथ ही निगम से जोन उपायुक्त को भी समिति में लिया गया। सोमवार को समिति ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया, हालांकि रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को मंगलवार को सौंपी जाएगी।
निरीक्षण में स्पष्ट हो गया कि जमीन जेडीए की है। ऐसे में अब आगे की कार्रवाई जेडीए के स्तर से की जाएगी। मौके पर चल रहा निर्माण फिलहाल रुकवा दिया गया है।
समिति के सदस्यों ने जमीन का निरीक्षण किया है। प्रथम दृष्टया यह जमीन जेडीए स्वामित्व की है। मौके पर कार्य रुकवा दिया गया है।
-दिलीप भंभानी, उपायुक्त, हैरिटेज नगर निगम
प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत नगर निगम ने पहले इन जमीनों पर पट्टे जारी कर दिए थे। जब जांच में सामने आया कि पट्टे फर्जी हैं, तो निगम ने अप्रेल में अवैध निर्माण तोड़ दिए। लेकिन फर्जी पट्टे के मामले में किसी भी स्तर पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करवाई गई। इसी ढिलाई का लाभ उठाकर भूमाफिया ने दोबारा निर्माण शुरू कर दिया और अब मौके पर तीन दुकानें खड़ी हो गईं। इस दौरान निगम ने कोई सत कदम नहीं उठाया।
Updated on:
15 Jul 2025 09:13 am
Published on:
15 Jul 2025 09:11 am
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