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जयपुर में 2 घर, 33 एकड़ भूमि व 85 हजार पेंशन… क्यों मिलेगी अनुकम्पा नियुक्ति? SC ने की दिवंगत अधिकारी के बेटे की याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए दायर दिवंगत अधिकारी के बेटे की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को खारिज कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए दायर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क प्रधान आयुक्त रहे दिवंगत अधिकारी के बेटे की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि दो घर हैं, 33 एकड़ जमीन है और मासिक पेंशन 85 हजार रुपए है, अनुकम्पा नियुक्ति कैसे दिलाई जा सकती है।

याचिकाकर्ता रवि कुमार जेफ ने केन्द्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण व राजस्थान हाईकोर्ट के अनुकंपा नियुक्ति की याचिका खारिज कर देने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले पर न्यायाधीश उज्ज्वल भुयान व न्यायाधीश मनमोहन की खंडपीठ ने सुनवाई की।

न्यायाधीश भुयान ने याचिकाकर्ता से कहा, आप केन्द्रीय उत्पाद शुल्क प्रधान आयुक्त के बेटे हैं, अनुकंपा नियुक्ति का सवाल कहा हैं। एक सीमा से बाहर अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जा सकती। न्यायाधीश मनमोहन ने टिप्पणी की कि आपके पास मकान व 33 एकड़ भूमि है, जयपुर में एचआइजी का मकान है, कृषि से आय होती है और पेंशन मिलती है।

हाईकोर्ट के आदेश पर दखल का कोई उचित कारण नहीं है। कोर्ट ने इन टिप्पणियों के बाद कोई ठोस आधार नहीं होने व देरी से मामला आने के आधार पर याचिका को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता के पिता की 27 अगस्त 2015 को जयपुर में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क प्रधान आयुक्त रहते मौत हो गई थी। केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दिलाने पर मामला राजस्थान हाईकोर्ट पहुंचा था और वहां से राहत नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।

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