
Jaipur Desert Park 'जयपुर के धोरें' की दिवाली से पहले सौगात
Jaipur Desert Park 'जयपुर के धोरें' की दिवाली से पहले सौगात
— किशनबाग प्रोजेक्ट का यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने किया निरीक्षण
जयपुर। नाहरगढ की तलहटी में विद्याधर नगर स्थित किशनबाग (Jaipur Kishanbagh Project) में विकसित किए गए मरूस्थलीय पार्क (Desert Park) का यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने शनिवार को निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री अशाेक गहलोत के हाथों दिवाली से पहले इस पार्क (Jaipur Kishanbagh Park) का लोकार्पण कराने की तैयारी है। इससे पहले यूडीएच मंत्री धारीवाल ने इस पार्क का जायजा लिया है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव यूडीएच कुंजी लाल मीना, जेडीए आयुक्त गौरव गोयल, सचिव हृदयेश शर्मा, वन संरक्षक महेश तिवारी आदि मौजूद रहे।
जेडीए की ओर से करीब 11.41 करोड़ रुपए की लागत से यहां 64.30 हैक्टेयर भूमि पर 'किशनबाग जयपुर के धोरें' प्रोजेक्ट विकसित किया गया है। यहां मौजूद रेतीले टीबों को मरूस्थलीय पार्क का स्वरूप दिया गया है। यहां रेगिस्तान में पाई जाने वाली विभिन्न प्रजातियों के सात हजार से अधिक पौधे लगाए गए हैं। यह पार्क अलग-अलग भागों में विभाजित, जहां विभिन्न प्रकार के पौधे, घास, चट्टान व जीवाश्म आदि की जानकारी दी गई। यूडीएच मंत्री ने इस पार्क की विशेषताओं की बारीकी से जानकारी ली। प्रोजेक्ट सलाहकार प्रदीप किशन और जेडीए आयुक्त गौरव गोयल ने उन्हें पार्क के विभिन्न आकर्षणों के बारे में बताया।
विद्यार्थियों का प्रवेश नि:शुल्क
इस बाग में विद्यार्थियों का प्रवेश नि:शुल्क होगा। वहीं लोग टोकन लेकर बाग में प्रवेश कर सकेंगे। हालांकि बाग में लोगों को अभी पाथ—वे अलावा कहीं भी जाने की अनुमति नहीं होगी।
ये लगाए गए पौधे
रेगिस्थानी प्रजातियों के 7 हजार पौधे लगाए गए है, जिनमें खैर, रोंज, कुमठा, अकोल, धोंक, खेजडी, इंद्रोक, हिंगोट, ढाक, कैर, गूंदा, लसोडा, बर्ना, गूलर, फालसा, रोहिडा, दूधी, खेजडी, चूरैल, पीपल, जाल, अडूसा, बुई, वज्रदंती, आंवल, थोर, फोग, सिनाय, खींप, फ्रास आदि प्रजाति के पेड-पौधें और लापडा, लाम्प, धामण, चिंकी, मकडो, डाब, करड, सेवण आदि प्रजाति की घास लगाई गई है।
प्रचार-प्रसार की बनाएंगे रणनीति
देश भर में अपनी तरह के इस एकमात्र पार्क का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिवाली से पहले लोकार्पण कर सकते हैं। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इस अद्वितीय पार्क को विश्व मानचित्र पर पर्यटक स्थल के तौर पर शामिल किया जाएगा। इसके लिए प्रचार-प्रसार की रणनीति बनाई जाएगी।
किशनबाग की विशेषता
जेडीए आयुक्त ने बताया कि किशन बाग रेतीले टीबो में विकसित अद्वितीय बाग है। लोगों को जानकारी देने एवं आकर्षित करने के लिए फोटो सहित साईनेज लगाए गए है। रेगिस्तानी रेत के सिलिका से बनी ऐतिहासिक चट्टाने यहां देखने को मिलेगी। जीवों के जीवाश्मों से संबंधित जानकारी भी यहां मिल सकेगी। यह बाग पर्यटकों के साथ विद्यार्थियों के लिए कई जानकारी उपलब्ध कराएगा।
ये भी हुए काम
फेंसिंग, पार्किंग, नर्सरी, प्रवेशप्लाजा, आगंतुक केन्द्र, माईक्रो हेबीटेट्स 1 (ग्रेनाइट हैबिटेट्स), धोक हेबीटेट, रॉक एण्ड फोसिल्स कलस्टर, रोई हेबीटेट, एक्जिबिट, माईक्रो हेबीटेट्स 2 (आर्द्रभूमि वृक्षारोपण), व्यूइंगडैक, वॉटरबॉडी आदि।
रखरखाव की दी जिम्मेदारी
जेडीए आयुक्त गौरव गोयल ने बताया कि पार्क के रखरखाव का जिम्मा राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क सोसायटी को दिया गया है। यह सोसायटी जोधपुर स्थित राव जोधा पार्क का रखरखाव करती है।
Published on:
16 Oct 2021 05:07 pm
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