
अश्विनी भदौरिया / जयपुर। ग्रेटर नगर निगम में विवाद के बाद पहले आयुक्त और अब कार्यवाहक महापौर का अधिकारियों और कर्मचारियों को पूरा साथ मिल रहा है। मंगलवार को पार्षद पतियों के दखल पर महापौर शील धाभाई ने कहा कि मैं समस्या सिर्फ पार्षदों की ही सुनूंगी। पार्षदों के पति या उनके रिश्तेदार की उनके कार्यालय में सुनवाई नहीं होगी। इसके पीछे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का मकसद बताया।
उन्होंने सोमवार की दो घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि एक पार्षद मेरे पास आए थे। चिल्लाकर बोल रहे थे कि जानवर नहीं पकड़े जा रहे हैं। मैंने उनसे कहा नीची आवाज में बात करिए। तरीके से बताओ। वे अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे थे।
मैंने साफ कहा कि मेरे किसी अधिकारी या कर्मचारी से ऊंची आवाज का प्रयोग किया तो मैं किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करूंगी। मैंने पहले दिन ही कहा था कि मेरे अधिकारियों का मोरल डाउन करने की कोशिश की तो काम नहीं होगा। अंजाम भुगतने को तैयार रहें।
पार्षद पति माफी मांगकर गए
उन्होंने कहा कि पार्षद चांद सैनी ने पति स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था को लेकर मिलने आए थे। जोर से बोल रहे थे। बाद में पता चला कि ये खुद नहीं, बल्कि इनकी पत्नी पार्षद हैं। मैंने कहा कि तब तक काम नहीं होगा, जब तक पार्षद खुद नहीं आएंगी। उन्होंने माफी मांगी।
Published on:
06 Jul 2021 09:20 pm
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