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महापौर सौम्या गुर्जर को निलंबित करने के मामले ने पकड़ा तूल, हमलावर हुई भाजपा

गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ेगी प्रदेश भाजपा, कांग्रेस के सियासी गलियारों में भी स्वायत्त शासन विभाग के फैसले पर उठे सवाल, जयपुर ग्रेटर नगर निगम के आयुक्त के साथ कथित मारपीट का मामला

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Mayor Soumya Gurjar

Mayor Soumya Gurjar

जयपुर। जयपुर ग्रेटर नगर निगम के कमिश्नर के साथ कथित अभद्र व्यवहार और मारपीट के मामले में देर रात तीन भाजपा पार्षदों के साथ निलंबित की गई महापौर सौम्या गुर्जर के मामले में अब भाजपा राज्य की गहलोत सरकार के खिलाफ हमलावर हो गई है। प्रदेश भाजपा ने इसे तानाशाही कदम उठाते हुए आंदोलन की चेतावनी दे डाली है, साथ ही इस मामले को भाजपा अब कोर्ट जाने की तैयारी में है। बताया जाता है कि निलंबन के खिलाफ भाजपा की ओर से कोर्ट में अपील दायर की जा सकती है।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया कहना है कि यह फैसला राजस्थान में कांग्रेस के पतन का कारण बनेगा तो वहीं राज्य के स्वायत्त शासन विभाग की ओर से लिए गए इस फैसले पर अब कांग्रेस में ही सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं। सूत्रों की माने तो कांग्रेस की सियासी गलियारों में इस कार्रवाई का अंदरखाने विरोध है।

जयपुर के कांग्रेस विधायकों से नहीं ली गई राय
विश्वस्त सूत्रों की माने तो जयपुर ग्रेटर के कमिश्नर यज्ञमित्र देव सिंह से कथित मारपीट के मामले में महापौर और तीन पार्षदों के निलंबन को लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने जयपुर के कांग्रेस विधायकों से ही कोई राय नहीं ली है।

जयपुर के एक कांग्रेस विधायक का कहना है कि इतना बड़ा फैसला लेने से पहले एक बार जयपुर के कांग्रेस विधायकों से तो बात करनी चाहिए थी चूंकि जयपुर में कांग्रेस के 5 विधायक हैं और जयपुर की राजनीति उन्हें करनी है। जनता को जवाब भी उन्हें ही देना है, कांग्रेस विधायक का कहना है कि इस फैसले से जनता में अच्छा मैसेज नहीं जाएगा। बताया जाता है कि राजस्थान में पहली बार हुआ है जब किसी निर्वाचित मेयर को निलंबित किया गया हो।

ये है पूरा मामला
दरअसल जयपुर ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर और पार्षदों ने कमिश्नर यज्ञमित्र देव सिंह पर बीवीजी कंपनी से सांठगांठ के आरोप लगाए थे, जिसके बाद कमिश्नर ने शुक्रवार को ज्योति नगर थाने में मेयर पर अभद्र भाषा बोलने और पार्षद पारस जैन सहित कुछ पार्षदों पर मारपीट करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद यूडीएच मिनिस्टर शांति धारीवाल ने डीएलबी में पद स्थापित आरए एस अधिकारी रेणु खंडेलवाल को पूरे मामले की जांच सौंपी थी। आरएएस अधिकारी रेणु खंडेलवाल की जांच के आधार पर स्वायत शासन विभाग ने देर रात महापौर सहित तीन पार्षदों को निलंबित कर दिया था।

डीएलबी ने राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (6) के तहत तुरंत प्रभाव से मेयर और तीन अन्य पार्षदों के निलंबन और पद से हटाने के आदेश जारी कर दिए। सौम्या गुर्जर के अलावा पार्षद अजय सिंह चौहान, पारस जैन और शंकर शर्मा को निलंबित किया गया है।