
जयपुर। एसीबी कार्रवाई के बाद जेडीए में रोज बदलाव किए जा रहे हैं। गुरुवार को विभिन्न जोन में लगे करीब 250 गार्ड को काम करने से रोक दिया गया। इसके अलावा वर्षों से कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर की नौकरी पर भी संकट पैदा हो गया है। दरअसल, ये लोग अलग-अलग कम्पनियों के माध्यम से जेडीए में सेवाएं दे रहे हैं। इनको करीब सात हजार रुपए हर माह भुगतान किया जाता है।
इन गार्ड की मानें तो जेडीए प्रशासन ने एजेंसी को मौखिक रूप से हटाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद जेडीए के सभी जोन व अन्य शाखाओं से इन गार्ड को हटा दिया गया। इनके हटने से कामकाज प्रभावित होना तय है।
एसीबी कार्रवाई के बाद जेडीए में कामकाज ठप है। भले ही अधिकारी बैठकों में व्यस्त रहते हों, लेकिन काम होता नहीं दिख रहा है। क्योंकि जिस तरह से बदलाव का दौर चल रहा है, सभी असमंजस में हैं।
भले ही ये गार्ड कई वर्ष से जेडीए में कार्यरत हैं, लेकिन हर वर्ष इनकी एजेंसी बदल दी जाती है और एक एजेंसी के लिए ये लोग एक वर्ष से अधिक काम नहीं कर पाते हैं। तभी तो वर्षों से काम करने वाले ये गार्ड अब तक अकुशल से कुशल नहीं हो पाए हैं।
बता दें कि पिछले शुक्रवार को भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो ने जेडीए के जोन नम्बर 9 में कार्रवाई की थी। एसीबी ने जेडीए के तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता, गिरदावर रुकमणी, रविकांत शर्मा, विमला मीणा, कनिष्ठ अभियंता खेमराज मीणा, श्री राम पटवारी जेडीए जोन-9 जयपुर एवं दलाल महेश चंद मीणा को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
एसीबी ने उनके पास से घूस के डेढ़ लाख रुपए भी जब्त किए थे। इसके बाद जेडीए ने सरकारी छुट्टी के दिन सोमवार को एक के बाद एक सात आदेश निकाले। जेडीए प्रशासन ने कुछ को कार्यमुक्त किया और अन्य के जोन बदल दिए गए थे।
Published on:
30 Aug 2024 08:32 am
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