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Rajasthani Film Turtle : डायरेक्टर दिनेश यादव ने कहा राजस्थानी सिनेमा मेरा पहला प्यार

Turtle won the Best Film Award : राजस्थानी फिल्म 'टर्टल' को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

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जयपुर

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Suresh Yadav

Aug 10, 2019

rajasthani film turtle director dinesh yadav

rajasthani film turtle director dinesh yadav

जयपुर।
Turtle won the best film award :66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों (66th National Film Awards) की घोषणा ने इस साल राजस्थान (Rajasthan) के सिनेप्रेमियों (Movie Lovers) के चेहरों को रोशन कर दिया। बेस्ट राजस्थानी फिल्म (Rajasthani Film)कैटेगरी के तहत पानी की समस्या (Water Problem) पर आधारित फिल्म 'टर्टल' (Turtle) को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया। जिसके चलते राजस्थानी सिनेमा के कलाकारों में खुशी की अलग ही लहर है।
कई कलाकारों (Artists) का कहना है कि इस फिल्म ने राजस्थान की झोली में राष्ट्रीय पुरस्कार डाल दिया है। इसका श्रेय फिल्म के डायरेक्टर दिनेश यादव (Dinesh Yadav) को जाता है। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा के चलते फिल्म के डायरेक्टर दिनेश यादव और उनकी पूरी टीम को मुबारकबाद मिल रही है।
ऐसे में उनके ट्विटर पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gahlot) ने भी बधाई दी। जवाब में दिनेश यादव ने उनका शुक्रिया अदा किया और कहा कि यह राजस्थान की मूल समस्या पर आधारित एक मीनिंग सिनेमा (Cinema)रहा। जिसे दर्शकों ने बेहद प्यार दिया। इसके अलावा दिनेश यादव के सोशल मीडिया (Social Media) एकाउंट पर भी उनके बधाइयां मिलती रहीं।
विजयदान देथा से मिली प्रेरणा
दिनेश ने बताया कि मुझे राजस्थान से बेहद प्यार है। खासकर प्रसिद्ध साहित्यकार व कहानीकार विजयदान देथा से बहुत कुछ सीखने को मिला। उनकी कहानियां पढ़कर बहुत कुछ सीखने को मिला। इसके अलावा नाटककार व लेखक धर्मवीर भारती से भी प्रेरणा मिली। मैं कहना चाहूंगा कि मेरी इस खुशी में राजस्थान की पूरी जनता शामिल है।
फिल्म का तीसरे विश्वयुद्ध की ओर इशारा
दिनेश के मुताबिक, उनके द्वारा निर्देशित यह पहली फिल्म रही। इसमें फिल्म जगत के जाने-माने कलाकार संजय मिश्रा और अंकित अनिल शर्मा, अमोल देशमुख और मोनिका शर्मा सहित कई कलाकारों ने अभिनय किया। उनका कहना है कि इस क्षेत्र में मिले संस्कार और संघर्ष से वे मुंबई तक पहुंचे।
Water problem : जलसंकट पर आधारित फिल्म राजस्थान की मरूभूमि के गांव कुडली में पेयजल संकट को लेकर बनाई गई है। यादव ने बताया कि फिल्म जलसंकट को लेकर तीसरे विश्वयुद्ध की ओर इशारा करती है। दिनेश ने बताया कि सालों पूर्व नर्मदा तट पर शाहरुख खान की फिल्म 'अशोकाÓ की शूटिंग देखी थी और वहीं से मैंने मुंबई की ओर रुख करने का मन बना लिया था। सही मायने में राजस्थानी सिनेमा मेरा पहला प्यार है।
बड़ी रिस्क ली तभी कामयाबी मिली
महेश्वर के मूल निवासी युवा फिल्म निर्देशक दिनेश यादव के मुताबिक फिल्म में गांवों में पानी के हालात को बहुत गर्मस्पर्शी तरीके से दर्शाया गया है और यह समस्या कब गांव, शहर, देश व विश्व तक पहुंच के विश्वयुद्ध का रूप ले लेगी हम सोच भी नहीं सकते।
पानी जो कि जीवन के लिए बहुत जरूरी है और हम शहरवासी पानी का नल व टोंटी खुली छोड़ देते है। सही मायने में हमने बहुत बड़ी रिस्क ली थी, क्योंकि फिल्म का अंत दु:ख के साथ होता है पर वो बाद का सच है जो कि समाज में एक बदलाव लाने के लिए जरूरी है। फिल्म के जरिए समाज को अच्छा संदेश मिलता है कि हम नहीं बदलेंगे तो विश्व भी नहीं बदलेगा। हमें इसकी शुरूआत घर की नल व टोंटी से करनी होगी। फिल्म में अभिनेता संजय मिश्रा (Sanjay Mishra) ने मुख्य भूमिका निभाई थी।