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राजस्थान में पहली बार फिंगर प्रिंट से पकड़े चोर… जोबनेर में की थी वारदात, सीकर-बीकानेर में मिले आरोपी

जयपुर रेंज पुलिस का दावा : प्रदेश में पहली बार फिंगर प्रिंट से पकड़े नकबजन, जोबनेर में की थी नकबजनी की वारदात, फिंगर प्रिंट मिलने पर जानकारी जुटाई तो दूसरे मामले में जेल में बंद थे आरोपी

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jaipur

जयपुर। जयपुर रेंज पुलिस का दावा है कि संभवत: प्रदेश में पहली बार जोबनेर में हुई एक नकबजनी की वारदात का खुलासा फिंगर प्रिंट से हुआ है। जोबनेर में इसी वर्ष 24 जनवरी की रात को गणेश विहार कॉलोनी स्थित एक घर में नकबजनी हुई। अगले दिन सुबह वारदात का पता चलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पीडि़त परिवार ने बताया कि चोर घर से सोने की एक चेन, झुमकों की एक जोड़ी, टॉप्स, एक मंगलसूत्र, चांदी की पायजेब जोड़ी, चांदी के कड़े, 35000 रुपए व अन्य कीमती सामान ले गए।

टीम बोली, फिंगर प्रिंट रोशन मीणा के

पुलिस टीम ने घटना स्थल से उठाए फिंगर प्रिंट को खुद के रिकॉर्ड में शामिल चिह्नित फिंगर प्रिंट से मिलान किया। टीम ने बताया कि सीकर के जाजोद स्थित गोरिया निवासी रोशन मीणा से घटना स्थल से उठाए फिंगर प्रिंट मिल रहे हैं। पुलिस ने आरोपी रोशन मीणा की जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह एटीएम लूट मामले में वह बीकानेर जेल में बंद है। जोबनेर थाना पुलिस आरोपी रोशन मीणा को बीकानेर जेल से प्रॉडक्शन वारंट पर गिरफ्तार करके लाई। आरोपी ने अन्य साथियों के साथ मिलकर जोबनेर में वारदात करना कबूल लिया।

दूसरे साथी को नीमकाथाना जेल से गिरफ्तार

आरोपी रोशन मीणा से पूछताछ के बाद जोबनेर में नकबजनी की वारदात में शामिल हजारीलाल मीणा को नीमकाथाना जेल से प्रॉडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया। आरोपी हजारीलाल मीणा नीमकाथाना स्थित नयाबास निवासी है।

शादी का कार्ड देने आए, रैकी कर गए

जोबनेर थानाधिकारी सुशील ने बताया कि क्षेत्र में आरोपी हजारीलाल का ससुराल है। आरोपी हजारी व रोशन शादी का कार्ड देने के लिए यहां आए थे और लौटते समय रैकी करके गए थे। वारदात वाली रात 8 बजे सीकर से अन्य साथियों के साथ रवाना हुए और यहां पहुंचकर वारदात को अंजाम दिया। दोनों आरोपियों के खिलाफ एक-एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं।

ऐसे हुई पहचान

जयपुर रेंज आईजी अजयपाल लांबा ने बताया कि राजस्थान में पहली बार नकबजनी की वारदात फिंगर प्रिंट से खुली है। घटना स्थल से लिए गए फिंगर प्रिंट पहले अन्य घटना में पकड़े गए आरोपी से मिलान हुए। इससे पुलिस को नकबजन की पहचान करने में पूरी मदद मिली।