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फिर गूंजेंगे डिग्गीपुरी राजा के जयकारे, जयपुर से बुधवार को कल्याणधणी के जाएंगे लाखों भक्त

डिग्गीपुरी कल्याण जी मंदिर की 57वीं लक्खी पदयात्रा बुधवार को, अलग-अलग स्वाग, झांकियां रहेंगे आकर्षण का केंद्र

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diggi kalyan ji

फिर गूंजेंगे डिग्गीपुरी के राजा के जयकारे, जयपुर से बुधवार को कल्याणधणी के जाएंगे लाखों भक्त

हर्षित जैन / जयपुर। राजधानी जयपुर में बुधवार को डिग्गीपुरी के राजा के जयकारे फिर से गूंजेंगे। जब जयपुर की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी पदयात्रा में दो साल बाद कल्याणधणी के जयकारे के साथ रवाना होगी। टोंक जिले के डिग्गी स्थित कल्याणधणी में एक बार फिर पदयात्रियों की लकदख देखने को मिलेगी। जयपुर से डिग्गीपुरी तक कल्याणधणी मंदिर की 57वीं लक्खी पदयात्रा बुधवार को चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर से सुबह नौ बजे रवाना होगी।

कल्याणजी डिग्गीपुरी पदयात्रा संघ के अध्यक्ष श्रीजी शर्मा ने बताया कि मुख्य केसरिया निशान ध्वज की विधिवत पूजा अर्चना कर जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित, खाद्य और आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, गलता तीर्थ के महंत स्वामी अवधेशाचार्य सहित अन्य करेंगे। यात्रा सात अगस्त एकादशी पर डिग्गीपुरी पहुंचेगी। यहां गंगोत्री से लाए जल से अभिषेक, केसरियां ध्वज चढ़ाया जाएगा।

जयपुर से 83 किलोमीटर और टोंक से 65 किलोमीटर की दूरी पर बने मंदिर में लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचेंगे। संवत् 1584 यानि वर्ष 1527 में मंदिर का पुर्ननिर्माण मेवाड़ के तत्कालीन राणा संग्राम सिंह के शासन काल में हुआ।

भंडारा में रहेंगे भांति-भांति के पकवान
चौड़ा रास्ता समेत टोंक रोड पर जगह-जगह यात्रियों के लिए भंडारे के लिए स्टाल्स लगाई जाएगी। इसके साथ ही भांति-भांति के पकवान भंडारे में दिए जाएंगे। इसके साथ ही अलग-अलग स्वांग, झांकियां आकर्षण का केंद्र रहेगी।

300 से अधिक पदयात्राएं होती है शामिल
मुख्य लक्खी पदयात्रा में जयपुर सहित दौसा, सवाईमाधोपुर, सीकर आदि जिलों के पदयात्री भी शामिल होंगे। आसपास के गांव, ढाणियों से 300 से ज्यादा पदयात्राएं चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर दर्शन कर यहां से रवाना होगी। कनक दंडवत, नंगे पावों के साथ हर उम्र के भक्त पदयात्रा में बड़ी संख्या में पांच दिनों में कल्याणधणी के दर पर बड़ी मनोकामना के साथ पहुंचते हैं। लक्खी मेला श्रावण शुक्ल षष्ठी बुधवार से शुरू होकर एकादशी तक भरेगा। अष्टमी तक अधिक भीड़ रहेगी। टोंक, उनियारा, केकड़ी, कोटा सहित अन्य जगहों से पदयात्राएं भी डिग्गी में शामिल होगी।