
जयपुर। राजधानी में यातायात जाम से हर कोई भी परेशान है। सड़कों पर जाम और अतिक्रमण सैलानियों के सामने शहर की छवि धूमिल कर रहे हैं। पिंकसिटी का नाम सुन दौड़े चले आने वाले सैलानी खराब अनुभव लेकर लौट रहे हैं। पत्रिका के अभियान को लेकर आयोजित टॉक शो में होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों ने कुछ ऐसी ही पीड़ा व्यक्त की।
जयपुर होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने यातायात जाम को बड़ी समस्या बताते हुए सुझाव भी रखे। पर्यटकों के साथ-साथ जनता के लिए भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक उपयोग करने के अलावा भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मल्टीलेवल पार्किंग विकसित करने और आमजन को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने जैसे सुझाव होटल व्यवसायियों ने दिए।
गजेन्द्र लूनीवाल, अध्यक्ष, जयपुर होटल एसोसिएशन : 'यातायात जाम के कारण सैलानियों को आमेर से हवामहल पहुंचने में दो घंटे लग रहे हैं। ई-रिक्शा के लिए रूट और लेन सिस्टम होना चाहिए। सैलानी आवागमन के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग अधिक करें, इसके लिए हम समझाइश करेंगे। सरकार भी पर्यटन स्थलों तक कनेक्टीविटी के लिए सार्वजनिक परिवहन की सुविधा बढ़ाए।'
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राहुल अग्रवाल, सचिव जयपुर होटल एसोसिएशन : "कुछ फ्लाईओवर और अंडरपास ऐसी जगह बन गए, जिनका ट्रैफिक को सुगम करने में योगदान नहीं है। चौड़ा रास्ता से एयरपोर्ट तक 11 ट्रैफिक सिग्नल हैं। पर्यटक स्थलों पर जेब्रा क्रॉसिंग और मल्टीस्टोरी पार्किंग बननी चाहिए। ट्रैफिक सुधार के लिए हम पुलिस व नगर-निगम के साथ चर्चा करेंगे।"
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राकेश टांक, उपाध्यक्ष, जयपुर होटल एसोसिएशन : ' ट्रैफिक जाम पर चर्चा सब करते हैं, लेकिन कोई आगे नहीं आता। जनहित के इस मुद्दे पर पत्रिका ने आगे आकर चिंता जताई है, जो सराहनीय है। संसाधन बढ़ने जरूरी हैं, लेकिन इसकी भी सीमा होनी चाहिए। जिन रूट पर सुविधा है, वहां जनता भी मेट्रो या सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करे। मेट्रो रूट पर ई-रिक्शा बंद होने चाहिए।'
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अतुल गुप्ता, संयुक्त सचिव, जयपुर होटल एसोसिएशन : "जयपुर के पर्यटन स्थल अच्छे हैं, लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था पर्यटकों को परेशान करती है। जाम की वजह से सैलानी 20 स्मारकों की जगह 4-5 ही देख पाते हैं। सरकार ट्रैफिक दबाव वाली जगहों पर मेट्रो चलाए। चारदीवारी में छोटी बसें चलें। सड़क पर थड़ी-ठेले वालों के लिए नियम और स्थान तय होने चाहिए।"
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दिनेश गुप्ता, प्रवक्ता, जयपुर होटल एसोसिएशन : "ट्रैफिक नियमों को लेकर न जनता जागरूक है और न ही ट्रैफिक पुलिस पालना करवा रही है। इससे शहर में आने वाला टूरिस्ट सबसे अधिक आहत होता है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के बाहर से अतिक्रमण हटने चाहिए। पीक ऑवर्स में सड़क पर ट्रैफिक पुलिस नजर नहीं आती।"
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कुलदीप सिंह चंदेला, अध्यक्ष फेडरेशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म ऑफ राजस्थान: "रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर सबसे अधिक ट्रैफिक की समस्या है। स्कूलों में बच्चों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी मिलनी चाहिए। सरकार भी वाहनों की बढ़ती संख्या पर विचार करे।"
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संजय कौशिक, पर्यटन विशेषज्ञ: "वीकेंड पर पर्यटन स्थलों के आस-पास वन-वे या अन्य विकल्प होने चाहिए। परकोटे में लोगों को मेट्रो की सुविधा का अधिक उपयोग करना चाहिए। वीआइपी मूवमेंट के दौरान ट्रैफिक रोकना उचित नहीं है।"
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तरुण बंसल, होटल व्यापारी: "ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के लिए आमजन को जागरूक करना जरूरी है। पर्यटक स्थलों पर रोप-वे की सुविधा हो। चारदीवारी के पर्यटक स्थलों के आस-पास वाहनों का निर्धारण होना चाहिए। आमेर मावठे पर पार्किंग बंद होनी चाहिए। पर्यटक स्थलों के लिए छोटी बसें चलानी चाहिए।"
Published on:
22 Feb 2024 09:55 am
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