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जयपुर बताएगा अगले 50 साल के जलवायु परिवर्तन का ‘भविष्य’

जगतपुरा में 150 करोड़ में बनेगा प्रदेश का पहला सेंटर

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गिर्राज शर्मा
जयपुर.
बदलते जलवायु परिदृश्य के बीच प्रदेश में पहली बार जयपुर में आने वाले 50 वर्षों तक जलवायु परिवर्तन के संभावित प्रभावों, बारिश के बदलते पैटर्न और तूफानों की आशंकाओं पर गहन रिसर्च होगी। जलवायु परिवर्तन के 'भविष्य' को लेकर आंकलन किया जाएगा और उससे बचाव के लिए विभिन्न विभागों को सलाह दी जाएगी। लोगों को भी दैनिक जीवन को मौसम के अनुसार ढालने की पहले से सलाह मिलेगी। ऐतिहासिक पहल के तहत जयपुर के जगतपुरा क्षेत्र में ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर क्लाइमेट चेंज अडैप्टेशन’ स्थापित किया जाएगा, जो राज्य में ऐसा पहला केंद्र होगा। करीब 150 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

अफसरों की कमेटी गठित
सेंटर को मूर्त रूप देने के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने छह अधिकारियों की कमेटी गठित की है। सेंटर की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार हो गई है। सेंटर के नॉलेज पार्टनर के रूप में आइआइटी जोधपुर का चयन किया गया है। जल्द ही आइआइटी जोधपुर और प्रदूषण नियंत्रण मंडल के बीच इसे लेकर एमओयू साइन होंगे। मंडल के अधिकारियों ने इसकी तैयारी कर ली है। यह काम इसी वित्तीय वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। जगतपुरा में अलग से भवन तैयार होगा। मंडल ने जगह भी चिह्नित कर ली है।

मंडल को सौंपी जिम्मेदारी…
सरकार ने बजट 2025—26 में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर क्लाइमेट चेंज अडैप्टेशन के गठन की घोषणा की थी। इसके गठन की जिम्मेदारी प्रदूषण नियंत्रण मंडल को सौंपी गई। सेंटर बनकर तैयार होने के बाद इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी मंडल की होगी।

ये होंगे फायदे
-सेंटर में तैयार होने वाले वैज्ञानिक अध्ययन और आंकड़े विभिन्न विभागों तक पहुंचाए जाएंगे, इससे विकास योजनाओं और नीतियों को जलवायु परिवर्तन के अनुरूप ढालकर प्रभावी तैयारी सुनिश्चित होगी।
- जलवायु बदलाव के वितरित प्रभावों से बचाव के लिए काम होगा।
- आपदा, प्रदूषण और बढ़ती गर्मी से निपटने के लिए सरकार के पास पहले से ठोस और व्यावहारिक रणनीति होगी।
- संभावित आपदा, दुष्प्रभावों से बचाव के लिए नगरीय विकास विभाग, कृषि विभाग, आपदा राहत जैसे विभागों को सलाह दी जाएगी।
-सीधे लोगों को सलाह और आपदा पूर्व जानकारियां मिलेंगी

एमओयू कर रहे
सेंटर के लिए हम आइआइटी जोधपुर के साथ एमओयू कर रहे हैं। मैन पावर के लिए मिलकर काम करेंगे। सेंटर शुरू होने के बाद जलवायु संबंधित डेटा एकत्र करेंगे, उसके आधार पर भविष्य में पड़ने वाले प्रभावों व उससे बचाव को लेकर विभिन्न विभागों को अवगत कराया जाएगा।
- कपिल चंद्रावल, सदस्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण मंडल

संवेदनशील राज्य
राजस्थान जलवायु परिवर्तन के हिसाब से काफी संवेदनशील राज्य है। इस केन्द्र के बनने से प्रदेश के स्थानीय मुद्दों व विषयों पर रिसर्च हो सकेगी, जिससे कार्ययोजना बनाकर ठोस काम किए जा सकेंगे, वहीं सेंटर विभिन्न विभागों के मध्य समन्वय का काम भी कर सकेगा।
- डॉ. विजय सिंघल, पूर्व मुख्य अभियंता, प्रदूषण नियंत्रण मंडल