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राजधानी के नजदीक नहीं पहुंचा बीसलपुर का पानी, सार्वजनिक परिवहन भी नहीं

नांगल सुसावतान में आयोजित राजस्थान पत्रिका के स्पीक आउट कार्यक्रम

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जयपुर। शहर के नजदीक के गांवों में ही लोगों को सार्वजनिक परिवहन की सुविधा नहीं मिल रही है। लोगों को 3 से 4 किलोमीटर दूर जाकर आमेर—कुंडा से बस पकड़नी पड़ रही है। पानी की भी बड़ी समस्या है। शहर के नजदीक होने के बाद भी बीसलपुर का पानी नहीं पहुंचा है। गांव में पानी की टंकी बनी हुई है, उसकी मोटर खराब हो रही हैं। महिलाओं को घर से दूर जाकर पानी लाना पड़ रहा है। कुछ निजी ट्यूबवैल वालों के उपर निर्भर रहना पड़ रहा है। गांव में खेल मैदान नहीं हैं, खेल मैदान की जगह अतिक्रमण हो रहे हैं। ये मुद्दे रविवार को नांगल सुसावतान में आयोजित राजस्थान पत्रिका के स्पीक आउट कार्यक्रम में जनता ने उठाए। कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने अपनी समस्याएं बताई। लोगों ने खेल मैदान बनाने, बीसलपुर पेयजल लाइन डलवाने, बस सुविधा व चिकित्सा सुविधाओं की जरूरत जताई।

गोपालजी के मंदिर के पुजारी कृष्ण कुमार शर्मा ने कहा कि 250 साल पुराना मंदिर है, एक हैडपम्प नहीं लगा हुआ है। भगवान की पूजा के लिए भी पानी दूर से लाना पड़ता है। स्थानीय निवासी राजेश मीणा ने बताया कि जल जीवन मिशन की टंकी से कुछ लोगों ने अवैध कनेक्शन कर लिया, जिससे गांव में पानी की आपूर्ति रूक गई है। इससे पेयजल की व्यवस्था गड़बड़ा गई है।

बच्चे नशे की लत में पड़ गए
स्थानीय निवासी रमेश मीणा ने बताया कि बच्चे नशे की लत में पड़ गए हैं, जो बच्चों के साथ गांव के लिए भी ठीक नहीं हैं। गांव में खेल मैदान है, लेकिन उस पर कब्जा हो रहा है, उसे अतिक्रमण मुक्त करवाएं। स्थानीय निवासी ओमप्रकाश सैनी ने कहा कि मंदिर माफी व चारागाह की जमीन पर ठाठर आवासीय योजना काट दी। वहां पास में ही भूमाफियाओं फर्जी पट्टे काट रहे हैं, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हो रहा है।

पानी की टंकी की छत टूटी पड़ी
स्थानीय निवासी लालराम मीणा ने कहा कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के कैम्पस से होकर ढाणियों का रास्ता निकल रहा है, जिसे निर्माण कार्य का बोर्ड लगाकर बंद कर दिया है, जिससे गांव वालों को 2 से 3 किलोमीटर का चक्कर काटकर आना पड़ता है। स्थानीय निवासी फूली देवी का कहना है कि पानी व बिजली की समस्या है। पानी की टंकी की छत टूटी पड़ी है, उसकी सफाई नहीं होती है। 8 दिन में पानी का एक टेंकर आता है। स्थानीय निवासी सुरज्ञान प्रजापति सहित कई लोगों ने बताया कि नारदपुरा से कुंडा तक पेयजल की समस्या है। रोड कनेक्टिविटी नहीं है, सार्वजनिक परिवहन की सुविधा नहीं है। लोगों को कुण्डा जाकर बस में बैठना पड़ता है।