जयपुर। मानसून आ चुका है, शहर के ड्रेनेज सिस्टम का पहले ही बंटाधार है। पानी भरने से पता ही नहीं चलेगा कि कहां सड़क टूटी है और कहां नहीं। उस पर शहर की सड़कें जगह-जगह से खुदी हुई हैं, यानी हादसे का पूरा इंतजाम है। केवल बैरिकेड्स लगाने में भी जिम्मेदार महकमे खानापूर्ति कर रहे हैं। जबकि, मानसून आने से पहले ही इस तरह के काम को रोका भी जा सकता था। अब जब मानसून आ ही चुका है, इसके बावजूद शहर में कई जगह सड़कों की खुदाई जारी है। कहीं जलदाय विभाग पानी की लाइन बिछा रहा है तो कहीं राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (आरवीपीएन) केबल डालने का काम कर रहा है। निजी गैस कम्पनी से लेकर जेडीए की पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग (पीएचई शाखा) भी शहर में मनमानी कर रही है।
यहां बुरा हाल
-पत्रकार कॉलोनी में पेयजल लाइन डाले जाने का काम चल रहा है। कई जगह सड़क खुदी पड़ी है।
-किंग्स रोड पर गैस लाइन डाले जाने का काम चल रहा है। कई जगह गड्ढे ज्यों के त्यों हैं। पीवीसी कर्नल होशियार सिंह मार्ग (क्वींस रोड) पर गैस लाइन डाले जाने के बाद सड़क का काम पूरा नहीं हो पाया है।
-स्टेच्यू सर्कल पर भी पानी की लाइन डाले जाने का काम चल रहा है। यहां भी आने जाने में दिक्कत होती है।
हादसे का इंतजार
आरवीपीएन शहर के पॉश इलाके में विद्युत केबल डालने का काम कर रहा है। जिस हिस्से में काम पूरा हो चुका, वहां पर सड़क का काम जेडीए ने अब तक शुरू नहीं किया है। इस काम की वजह से विश्वविद्यालय मार्ग, शांति पथ, ग्रेटर नगर निगम के पास, जेएलएन मार्ग की सर्विस रोड खुदी पड़ी है। कई जगह तो गड्ढे हो रहे हैं।
ये जिम्मेदार
-जेडीए और नगर निगम की इंजीनियरिंग विंग
-गैस कम्पनियां
-पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग शाखा
Updated on:
30 Jun 2024 01:56 pm
Published on:
30 Jun 2024 01:53 pm