
Artificial Jewelry
सविता व्यास
जयपुर। राजस्थान में आर्टिफिशियल ज्वैलरी का चलन तेजी से बढ़ रहा है। वजह साफ है कि सोने-चांदी की बढ़ती कीमतों ने लोगों को किफायती और आकर्षक विकल्प की ओर आकर्षित किया है। यह उद्योग न केवल स्थानीय मांग को पूरा कर रहा है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी पहचान बना रहा है। पारंपरिक डिजाइनों और आधुनिक तकनीकों का मिश्रण राजस्थानी आर्टिफिशियल ज्वैलरी को विशिष्ट बनाता है। 2024-25 की आर्थिक समीक्षा के अनुसार, राजस्थान का कुल निर्यात 83,704.24 करोड़ रुपए रहा, जिसमें रत्न और आभूषण और आर्टिफिशियल ज्वैलरी शामिल है।
प्रमुख शहर और स्थानीय क्षेत्र
आर्टिफिशियल ज्वैलरी का निर्माण मुख्य रूप से जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर और अजमेर जैसे शहरों में होता है। जयपुर, जिसे 'पिंक सिटी' और 'जेम सिटी' के नाम से जाना जाता है, इस उद्योग का केंद्र है। यहां के जौहरी बाजार, चांदपोल बाजार और जलमहल के आसपास के क्षेत्र ज्वैलरी निर्माण और व्यापार के लिए प्रसिद्ध हैं। जोधपुर में माणक चौक और उदयपुर में हथीपोल क्षेत्र में कारीगर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। बीकानेर और अजमेर में भी स्थानीय बाजारों में आर्टिफिशियल ज्वैलरी की मांग बढ़ रही है।
कितनी दुकानें और कारीगर
राजस्थान में आर्टिफिशियल ज्वैलरी की अनुमानित 10,000 से अधिक दुकानें हैं, जिनमें जयपुर में 6,000, जोधपुर में 1,500, उदयपुर में 1,000, बीकानेर में 800 और अजमेर में 700 दुकानें शामिल हैं। इस उद्योग में लगभग 2 लाख कारीगर कार्यरत हैं, जिनमें से अधिकांश जयपुर (1.2 लाख) और जोधपुर (50,000) हैं। ये कारीगर कुंदन, पोल्की, मीनाकारी और नकली रत्नों से सजी ज्वैलरी बनाने में निपुण हैं।
राजस्थान से निर्यात और कारोबार
राजस्थान से आर्टिफिशियल ज्वैलरी का निर्यात मुख्य रूप से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, और चेन्नई में होती है। अमरीका, यूके, यूएई, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी इसकी मांग है। अनुमानित रूप से आर्टिफिशियल ज्वैलरी का वार्षिक कारोबार 15,000 करोड़ है, जिसमें से 5,000 करोड़ का निर्यात होता है। अमरीका और यूएई प्रत्येक में लगभग 1,500 करोड़ का कारोबार है, जबकि यूके और ऑस्ट्रेलिया में 800-1,000 करोड़ का योगदान है।
सरकारी योजनाएं और प्रोत्साहन
राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना और राजस्थान निर्यात नीति-2024 के तहत निर्यातकों को सब्सिडी और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है। राजस्थान एमएसएमई नीति-2024 छोटे और मध्यम उद्यमों को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करती है। जयपुर में जेम-स्टोन औद्योगिक पार्क कारीगरों को आधुनिक उपकरण और विपणन सुविधाएं उपलब्ध कराता है। राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट 2024 में 35 लाख करोड़ रुपए के समझौतों में आभूषण उद्योग को विशेष प्राथमिकता दी गई।
पिछले 5 वर्षों का डेटा (2020-2025)
वर्ष कारोबार (करोड़) निर्यात (करोड़) कारीगर (लाख) दुकानें
2020 8,000 2,500 1.8 8,500
2021 9,500 3,000 1.9 9,000
2022 11,000 3,800 1.95 9,500
2023 13,000 4,500 2.0 10,000
2024 15,000 5,000 2.0 10,000
स्रोत : रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद 2024
Published on:
30 Dec 2025 04:55 pm
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