आंदोलन करेंगे राजपूत
श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने कहा कि शिक्षामंत्री का कहना है कि जौहर की तस्वीर से सती प्रथा को बल मिलता है। लेकिन, जौहर और सती प्रथा में फर्क होता है। सती प्रथा एक महिला मृत पति के साथ स्वयं को अग्नि को समर्पित करती है। जबकि इसके विपरीत जौहर अपनी मातृभूमि पर संकट आने पर स्त्रीत्व, सतीत्व, त्याग और बलिदान का प्रतीक होता है। इतिहास से छेड़छाड़ कर रहे शिक्षा मंत्री के खिलाफ करणी सेना अब व्यापक स्तर पर पूरे देश में आन्दोलन करेगी।
महारानी जी, महाराणा प्रताप महान थे और रहेंगे उनके पराक्रम को और अच्छे से लिखने का काम हमने किया है। जहां तक सावरकरजी का सवाल है तो इतिहास के पन्नों में दर्ज साक्ष्यों के आधार पर शिक्षाविदों की कमेटी ने यह बदलाव किया है। जहां तक रानीसती जी की बात है तो हम अपनी छोटी बच्चियों को जौहर करना नहीं सीखा सकते, यह प्रथा समूचे हिंदुस्तान में कानूनी रूप से बैन है। राजस्थान का इतिहास आप और हमसे पहले भी सुनहरा था और हमारे बाद भी रहेगा बस फर्क इतना है कि भाजपा सरकार ने शिक्षा विभाग को प्रयोगशाला समझ मनमर्जी से बदलाव किए थे जिसको अब ठीक किया जा रहा है।