7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

JDA ने आवासीय योजनाओं में दोगुना किया आवेदन शुल्क, घर का सपना देखने वाले पढ़ें काम की खबर

Jaipur Development Authority: JDA ने चार साल बाद तीन नई आवासीय योजनाएं लॉन्च की हैं, लेकिन आवेदन शुल्क 500 से बढ़ाकर 1000 रुपए कर दिया है, जो नॉन-रिफंडेबल होगा। इन योजनाओं में 50 हजार आवेदनों का अनुमान है।

2 min read
Google source verification

JDA Residential Schemes Registration Fee Hike: जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने चार साल बाद तीन नई आवासीय योजनाएं लॉन्च की हैं। हालांकि आवेदन शुल्क में 100% वृद्धि कर इसे 500 से बढ़ाकर 1000 रुपए कर दिया गया है। यह शुल्क नॉन-रिफंडेबल होगा, जिससे आमजन की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। अनुमान है कि इन योजनाओं में 50 हजार आवेदन आएंगे, जिससे जेडीए को केवल आवेदन शुल्क से 5 करोड़ की आय होगी।

रजिस्ट्रेशन शुल्क से 100 करोड़ की अस्थायी आय


हर आवेदन के साथ जेडीए 10 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क लेता है, जो रिफंडेबल है। यदि 50 हजार आवेदन आते हैं, तो यह राशि 100 करोड़ तक पहुंच जाएगी। यह पैसा लॉटरी प्रक्रिया के दौरान दो से तीन महीने तक जेडीए के खजाने में रहेगा। इस अवधि में जेडीए इस राशि पर ब्याज से भी आय अर्जित करेगा।

यह भी पढ़ें : किसान 31 दिसंबर तक करवा लें ये जरूरी काम, नहीं तो प्रधानमंत्री की इस योजना का नहीं मिलेगा लाभ !

तीन योजनाओं में 756 भूखंड


कोविड के बाद पहली बार जेडीए ने एक साथ 756 भूखंडों की योजनाएं पेश की है। इनमें कालवाड़ रोड स्थित अटल विहार में 284, गोविंद विहार में 202, और पटेल नगर में 270 भूखंड शामिल हैं। प्रत्येक योजना में 10-12 हजार आवेदनों का अनुमान है।

आवेदन शुल्क में 11 साल बाद बढ़ोतरी


जेडीए ने 2013 से 500 रुपए आवेदन शुल्क लिया था। इससे पहले यह 300 रुपए था। पिछली योजनाओं जैसे गोकुल नगर और प्रियदर्शनी नगर में शुल्क 500 रुपए ही था। अब शुल्क बढ़ाकर 1000 रुपए करने से आवेदनकर्ताओं पर वित्तीय दबाव बढ़ा है।

यह भी पढ़ें : बल्ले-बल्ले: 3 दिन तक मुफ्त मिलेगी राजस्थान रोडवेज बस की सुविधा, जानें कारण

लॉटरी प्रक्रिया में देरी से होता है लाभ


लॉटरी में असफल आवेदकों को रजिस्ट्रेशन शुल्क लौटाने में 2-3 महीने लगते हैं। इस दौरान राशि जेडीए के खजाने में रहती है, जिससे प्राधिकरण को ब्याज से अतिरिक्त लाभ होता है।