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झालावाड़ स्कूल हादसा: CM भजनलाल का बड़ा निर्णय, MLA फंड में किया बदलाव; मरम्मत के लिए बढ़ाया बजट

Jhalawar School Tragedy: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 को सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत और 28 बच्चे घायल हो गए।

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CM Bhajanlal
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सीएम भजनलाल शर्मा, फोटो- एक्स हैंडल

Jhalawar School Tragedy: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 को सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत और 28 बच्चों के घायल होने की दुखद घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया। इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने त्वरित और कड़े कदम उठाए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक आयोजित कर स्कूलों, अस्पतालों और अन्य सरकारी भवनों की मरम्मत को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।

विशेषज्ञों की एक समिति गठित

मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों और संबंधित विभागों को तत्काल प्रभाव से सरकारी भवनों का निरीक्षण कर जर्जर इमारतों की मरम्मत शुरू करने का आदेश दिया। इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई है, जिसे पांच दिनों के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इस समिति में जिला परिषद के सीईओ, मनोहरथाना के एसडीएम और झालावाड़ के अधीक्षण अभियंता शामिल हैं। यह समिति हादसे के कारणों का पता लगाएगी और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करेगी।

MLALAD फंड के खर्च में किया बदलाव

इसके अलावा, विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MLALAD) में भी बदलाव किया गया है। अब विधायक अपने वार्षिक आवंटन का 20% तक स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पंचायत भवनों और डिस्पेंसरियों जैसे सरकारी भवनों की मरम्मत के लिए उपयोग कर सकेंगे। पहले यह सीमा काफी कम थी, जिससे मरम्मत कार्य में देरी होती थी।

वहीं, सरकार ने डांग, मगरा और मेवात क्षेत्रीय विकास योजना के तहत स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और अन्य सरकारी भवनों की मरम्मत के लिए बजट सीमा को 15% से बढ़ाकर 20% करने का फैसला किया है। इससे इन क्षेत्रों में जर्जर भवनों की मरम्मत तेजी से हो सकेगी, जहां विकास कार्यों की सबसे ज्यादा जरूरत है।

यहां देखें वीडियो-


मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्रों में जर्जर स्कूल भवनों और अन्य सरकारी इमारतों की मरम्मत के लिए प्राथमिकता से फंड की सिफारिश करें। यह कदम बच्चों की सुरक्षा और सार्वजनिक सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। सरकार का लक्ष्य है कि झालावाड़ जैसे हादसे दोबारा न हों और बच्चों की जान को कोई खतरा न हो।

मृतकों को 10 लाख रुपये मुआवजा

हादसे के बाद सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए 10 लाख रुपये प्रति मृतक के मुआवजे की घोषणा की है। साथ ही, घायल बच्चों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने झालावाड़ पहुंचकर पीड़ित परिवारों को आश्वासन दिया कि प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी दी जाएगी। वहीं, हादसे में शामिल स्कूल के प्रिंसिपल और चार शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है और उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।