
शिक्षामंत्री मदन दिलावर, फोटो- पत्रिका नेटवर्क
Jhalawar School Tragedy: झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में 25 जुलाई 2025 को राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की छत गिरने से सात बच्चों की मौत और 28 के घायल होने के बाद राजस्थान सरकार और शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाए हैं। इस दुखद हादसे के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की।
जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी नरसो मीणा, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार बालासोरिया, पूर्व मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी चंद्र शेखर लुहार, मनोहरथाना पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी प्रभुलाल कारपेंटर, समग्र शिक्षा के सहायक अभियंता और तत्कालीन पंचायत शिक्षा अधिकारी राधेश्याम मीणा को जांच विचाराधीन रखते हुए निलंबित कर दिया गया।
साथ ही, मनोहरथाना के संविदा कनिष्ठ अभियंता की संविदा समाप्त कर दी गई। इससे पहले, हादसे के दिन स्कूल की कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका मीना शर्मा, प्रबोधक बद्रीलाल लोधा, शिक्षक कन्हैया लाल सुमन, राम बिलास लववंशी और जावेद अहमद को प्रथम दृष्टया दोषी मानकर निलंबित किया गया था।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जयपुर में शिक्षा एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों, शासन सचिव, समग्र शिक्षा परियोजना निदेशक और अधीक्षण अभियंता के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने हादसे पर गहरी चिंता जताते हुए प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूल भवनों की गुणवत्ता जांच के आदेश दिए।
मदन दिलावर ने बताया कि जर्जर और असुरक्षित भवनों को चिह्नित कर तत्काल लाल निशान लगाकर ताला लगाने और विद्यार्थियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में भवन निर्माण में लापरवाही बरतने वाले अभियंताओं, अधिकारियों या ठेकेदारों से वसूली की जाएगी।
मदन दिलावर ने कहा कि सरकार जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए आपदा राहत कोष से 7,500 स्कूलों में वृहद मरम्मत कार्य कराए जाएंगे। डांग और मेवात विकास योजना के तहत वित्तीय सहायता और विधायक कोष से 20% राशि स्कूलों की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण के लिए आवंटित की जाएगी। उन्होंने सभी विधायकों से इस कार्य में सहयोग की अपील की। इसके अलावा, 2,000 जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए अगले दो वर्षों में 257 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है।
गौरतलब है कि हादसे की जांच के लिए गठित समिति को पांच दिनों में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा विभाग ने 14 जुलाई 2025 को सभी स्कूलों को मानसून से पहले भवनों की जांच और मरम्मत के आदेश दिए थे, लेकिन स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण यह लागू नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी जर्जर भवनों की मरम्मत को प्राथमिकता देने और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, अभिभावकों और स्थानीय लोगों में यह सवाल बना हुआ है कि पहले से जारी निर्देशों का पालन क्यों नहीं हुआ?
Updated on:
27 Jul 2025 09:21 pm
Published on:
27 Jul 2025 07:12 pm
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