
जयपुर
सहकारिता विभाग की ओर से सहकारी संस्थाओं की आॅडिट करवाई जा रही है। पिछले वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक 86 फीसदी संस्थाओं की आॅडिट करवाई जा चुकी है। आॅडिट करवाकर पारदर्शिता बढ़ाने के मामले में राज्य में जोधपुर खंड द्वितीय राज्य में अव्वल स्थान पर है।
सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार एवं प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017—18 की समाप्ति तक राज्य में आॅडिट योग्य कुल 18 हजार 742 में से 16 हजार 124 सहकारी संस्थाओं का ऑडिट करवाया गया है। जो कि कुल संस्थाओं का 86.03 प्रतिशत है। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2016—17 की तुलना में 3.86 प्रतिशत अधिक है। आपकाे बता दें कि पारदर्शिता लाने के लिए हर साल आॅडिट करवाने का प्रावधान है। आॅडिट लेखा जाेखाें की करवार्इ जाती है।
जोधपुर पहले पायदान पर
सहकारिता विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जोधपुर खंड 2 हजार 585 सहकारी संस्थाओं में से 2 हजार 489 संस्थाओं का ऑडिट करवाकर पहले स्थान पर है। जबकि जयपुर खण्ड 3 हजार 795 सहकारी संस्थाओं में से 3 हजार 456 संस्थाओं का ऑडिट करवाकर दूसरे स्थान पर रहा है। उदयपुर खण्ड में 87.23 प्रतिशत, अजमेर खण्ड में 84.88 प्रतिशत, बीकानेर खण्ड में 84.48 प्रतिशत, कोटा खण्ड में 84.44 और भरतपुर खण्ड में 72.08 प्रतिशत सहकारी संस्थाओं का ऑडिट करवाया गया है।
प्राथमिकता से करवाई आॅडिट
प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि 1 अप्रेल, 2017 को ऑडिट से बकाया रही बैकलॉग की 1819 सहकारी संस्थाओं का प्राथमिकता से ऑडिट करवाया गया है। जो कि ऐसी समितियों का 55.83 प्रतिशत है। जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघों एवं प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों का शत प्रतिशत ऑडिट करवा लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस साल ग्राम सेवा सहकारी समितियों का 93.22 प्रतिशत आॅडिट पूरा हो चुका है जो कि गत वर्ष की तुलना में 0.66 प्रतिशत अधिक है। ऋण असंतुलन वाली ग्राम सेवा सहकारी समितियों का ऑडिट विभागीय ऑडिटरों के माध्यम से कराने का निर्णय किया गया था। ऐसी समितियों का 87.55 प्रतिशत ऑडिट पूर्ण कराया गया है।
Published on:
02 May 2018 08:54 pm
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