19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कनिष्ठ न्यायिक सहायक भर्ती पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, नए सिरे से चयन सूची जारी करने का आदेश

Junior Judicial Assistant Recruitment 2022 Result : कनिष्ठ न्यायिक सहायक भर्ती-2022 पर हाईकोर्ट का आया बड़ा फैसला। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि नए सिरे से चयन सूची जारी की जाए। पुरानी सूची में शामिल अभ्यर्थियों के चेहरे मायूस हो गए हैं।

2 min read
Google source verification
court_decision.jpg

कानूनगो हत्याकांड

Rajasthan High Court Order : राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ न्यायिक सहायक भर्ती-2022 के अंतर्गत चयन सूची नए सिरे से बनाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन से कहा कि आरक्षित वर्ग के अनारक्षित श्रेणी से अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों ने यदि आरक्षण के तहत शिथिलता का लाभ नहीं लिया है, तो उन्हें अनारक्षित श्रेणी में शामिल कर नए सिरे से चयन सूची तैयार की जाए। सूची में जुड़ने वाले नए अभ्यर्थियों के लिए कंप्यूटर टाइप स्पीड व दक्षता टेस्ट आयोजित किए जाएं। साथ ही कहा कि नई चयन सूची में पूर्व में नियुक्ति पा चुके अनारक्षित अभ्यर्थी यदि चयन से बाहर हो जाएं और पद खाली न हों तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाए। वहीं आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सामान्य या किसी अन्य श्रेणी की मेरिट में शामिल हो जाएं तो उन्हें नियुक्ति दी जाए। न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव व प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने महिपाल यादव व एक हजार से ज्यादा अन्य अभ्यर्थियों की याचिका पर यह आदेश दिया।



प्रार्थी पक्ष ने क्या कहा

प्रार्थी पक्ष की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट प्रशासन ने एक मई 2023 को टाइप टेस्ट के लिए लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की वर्गवार कट ऑफ लिस्ट जारी की। इसमें एससी, ओबीसी नॉन क्रीमीलेयर, एमबीसी नॉन क्रीमी लेयर और ईडब्ल्यूएस की कट ऑफ सामान्य श्रेणी से अधिक रही। प्रार्थी आरक्षित वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी है, जिनके अंक सामान्य श्रेणी की कट ऑफ से अधिक हैं और अपने वर्ग की मेरिट लिस्ट में भी शामिल नहीं है।

यह भी पढ़ें - जयपुर के पूर्व राजपरिवार को बड़ा झटका, पद्मिनी देवी-दीयाकुमारी मायूस, राजस्थान हाईकोर्ट ने अपील खारिज की

याचिकाकर्ताओं का अनुरोध

इसके अलावा उन्होंने इस भर्ती में आरक्षण का कोई लाभ भी प्राप्त नहीं किया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अपने को सामान्य श्रेणी में मानते हुए चयन के लिए कंप्यूटर टाइप टेस्ट व दक्षता टेस्ट करवाने का आग्रह किया गया था।

यह भी पढ़ें - सेवानिवृत्त आईजी को मृत्यु के 13 साल बाद मिला न्याय, 32 साल तक चला मुकदमा, हाईकोर्ट ने रद किया पुराना आदेश