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फिर फिसल गई भाजपा के इस पूर्व मंत्री की जुबां—राज नहीं तो जूता ही सही

फिर फिसल गई भाजपा के इस पूर्व मंत्री की जुबां—राज नहीं तो जूता ही सही

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फिर फिसल गई भाजपा के इस पूर्व मंत्री की जुबां—राज नहीं तो जूता ही सही

फिर फिसल गई भाजपा के इस पूर्व मंत्री की जुबां—राज नहीं तो जूता ही सही

फिर फिसल गई भाजपा के इस पूर्व मंत्री की जुबां—राज नहीं तो जूता ही सही

जयपुर के मालवीय नगर से विधायक और पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ की जुबां गुरुवार को फिर फिसल गई। पूर्व चिकित्सा मंत्री और मालवीय नगर से विधायक कालीचरण सराफ उनके विधान सभा क्षेत्र के महेश नगर में करतारपुरा नाले पर हो रहे अतिक्रमण हटाने और भाजपा सरकार के समय शुरू किए गए ट्रीटमेंट प्लांट को फिर से शुरू कराने के लिए करतारपुरा नाले पर धरना देने गए थे। धरने पर सराफ ने स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए उनकी जुबां फिर फिसल गई। सराफ ने कह दिया कि जब राज होता है तब कलम के दम पर काम होता है और जब राज नहीं है तो संघर्ष और जूते के जोर पर भी वे काम कराना जानते है।
सराफ के इस बयान से एक बार तो धरना स्थल पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। लेकिन सराफ लगातार ऐसे बयान देते रहे है। भाजपा सरकार के समय कई बार उनके बयानों से सरकार पर संकट आया है। सराफ भाजपा के कददावर नेताओं में से एक हैं और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी नेताओं में से एक है। सराफ मालवीय नगर से सातवीं बार विधायक हैं और दो बार भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं।