
ललित तिवारी/ जयपुर। सूदखोरों से परेशान था कमल… उसे लगा कि मौत के बाद उसे शांति मिल जाएगी। इसी उधेड़बुन में वह अहमदाबाद पहुंच गया और साबरमती नदी में कूदने ही वाला था कि भीख मांगते एक बच्चे में उसे अपना बच्चा नजर आया। फिर क्या था… उसने मौत को छोड़ जिंदगी को गले लगा लिया।
एकबारगी उसके दिल ने उसे झकझोरा कि अगर वह मर गया तो उसके बच्चों का भी यही हाल हो सकता है। अपने बच्चों का ऐसा अपमान भरा भविष्य सोचकर उसके दिमाग से मौत का विचार कुछ हल्का हुआ। तभी उसके एक दोस्त का भी फोन आ गया, जिसने उसके परिवार के हालात उससे बयां किए। उसने अपने आप को खूब कोसा और मौत को दुत्कारकर अपने परिवार को गले लगाने का निश्चय कर लिया। सुखद यह रहा कि जीत परिवार के प्यार और दोस्त के संबल की हुई।
कमल सैनी ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि इस मुश्किल घड़ी में दोस्त शंकर ने साथ निभाया। उसने ऐसे समय में उसे फोन किया, जब वह मरने की तैयारी कर रहा था। दिमाग में यही आ रहा था कि अब जीकर भी क्या करे, सब कुछ खत्म हो चुका है। शंकर ने ही उसे शनिवार को फोन करके बताया कि तीन दिन से उसकी पत्नी ममता और बच्चों का रो रोकर बुरा हाल है। वह कोई ऐसा कदम नहीं उठाए, जिससे उन्हें जिंदगी भर परेशान होना पड़े।
कमल सैनी ने बताया कि उसका केसर विहार रामपुरा रोड मुहाना में मकान था। उसकी कीमत 28 लाख रुपए थे। रामफूल और अभिषेक उसे परेशान कर रहे थे। इस वजह से उसे 21 लाख रुपए में अपना मकान बेचना पड़ा। मकान बेचने के बाद पैसा दिया, लेकिन उसके बाद भी उनका पैसा मांगना लगातार जारी रहा। इसी से परेशान होकर उसने दिवाली से पहले खुदकुशी की योजना बनाई और चुपचाप घर से निकल गया। कमल ने बताया कि उसकी दो गाड़ियां भी कर्जा चुकाने में चली गईं।
कमल ने बताया कि जब वह जयपुर आकर घर पहुंचा तो सभी के चेहरे के रंग उड़े थे। दो घंटे तक पत्नी -बच्चे उसके गले लग कर रोते रहे। अब सब भगवान पर छोड़ दिया कि वो जो करेंगे अच्छा ही करेंगे।
Published on:
04 Nov 2024 03:17 pm
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