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Budget 2023: जानें…केंद्रीय बजट से लोगों की कितनी उम्मीदें हुई पूरी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट पेश किया है। इस बजट में लोगों को कई राहत दी गई है। इसके साथ ही घोषणाओं का पिटारा भी खोला गया है। हालांकि लोगों ने इस पर मिली—जुली प्रतिक्रिया दी है।

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जानें...केंद्रीय बजट से लोगों की कितनी उम्मीदें हुई पूरी

जानें...केंद्रीय बजट से लोगों की कितनी उम्मीदें हुई पूरी

जयपुर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट पेश किया है। इस बजट में लोगों को कई राहत दी गई है। इसके साथ ही घोषणाओं का पिटारा भी खोला गया है। हालांकि लोगों ने इस पर मिली—जुली प्रतिक्रिया दी है। किसी ने इसे आगामी चुनावों को देखते हुए पेश किया गया बजट कहा है तो किसी ने समग्र भारत की परिकल्पना बताई है।

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उच्च शिक्षा के साथ ही रिसर्च पर देना चाहिए था जोर: डॉ. डेजी

राजस्थान यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. डेजी शर्मा ने कहा कि डिजिटल पुस्तकालय देशभर के छात्र—छात्राओं के लिए एक जीवनदायी बूटी के रूप में प्राप्त होगा। एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार शिक्षकों की भर्ती समावेशी विकास की तरफ़ महत्वपूर्ण क़दम है। लेकिन, उच्च शिक्षा में पहुंच बढ़ाने के साथ ही रिसर्च पर ज्यादा जोर इस बजट में दिया जाना चाहिए था। यदि पूरी अर्थव्यवस्था के परिपेक्ष्य में देखें तो इंफ्रास्ट्रक्चर पर 33 प्रतिशत बजट बढ़ाना यह दर्शाता है कि हम दीर्घकालीन विकास की ओर अग्रसर हो रहे हैं। जिससे भविष्य के लिए नींव मज़बूत होगी। कृषि के क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन एक क्रान्तिकारी क़दम साबित होगा। सफ़ाई कर्मियों को मेनहोल में न उतरना पड़े, उसके लिए शहरों में मशीनों के द्वारा सफ़ाई करवाने का प्रस्ताव सराहनीय है। यह मानव गरिमा के अनुकूल है।


सभी घोषणाएं पूरी हुई तो माना जाएगा अच्छा बजट: डॉ. धर्मा

कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. धर्मा यादव ने कहा कि बजट में एक समृद्ध और समग्र भारत की परिकल्पना दिखाई दे रही हैं। यदि बजट की सभी घोषणाएं पूरी होती है तो इसे अच्छा बजट कहा जा सकता है। बजट में टीचर्स की ट्रेनिंग के लिए कार्यक्रम चलाने की घोषणा की गई है। इससे शिक्षा का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा। बच्चों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा की गई है। इसे डिजिटल क्रांति से भी जोड़कर देखा जा सकता है। हालांकि 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 में होने वाले आम चुनावों का भी असर इस बजट पर दिखाई दिया है।

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एनीमिया मुक्त भारत बनाने की सोच सराहनीय: डॉ. शांतिप्रिया
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. शांति प्रिया ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया मिशन में भारत को 2047 तक एनीमिया मुक्त भारत बनाने की सोच सराहनीय हैं। इस बजट में चिकित्सा के क्षेत्र में उपकरणों के संदर्भ में शोध को बढ़ाने और उसी अनुरूप पाठ्यक्रम निर्धारित करने की पहल भी अनुकरणीय हैं। नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित करने की घोषणा बजट में हुई है। हालांकि मेडिकल कॉलेजों की संख्या और ज्यादा बढ़ाने की जरूरत थी, जो इस बजट में पूरी नहीं हुई है। मेडिकल शिक्षा पर सर्वाधिक जोर दिया जाना चाहिए। फार्मेसी को बढ़ावा देने के लिए भी नए कार्यक्रम चलाने की घोषणा बजट में हुई है।

भविष्य का बजट ज्यादा: प्रिया
महारानी कॉलेज की स्टूडेंट प्रिया ने कहा कि यह बजट वर्तमान के साथ भविष्य का बजट ज्यादा लग रहा है। युवाओं को ज्यादा अवसर देने की बात बजट में कही गई है। इंश्योरेंस कवर बढ़ाया जाना बेहद अच्छी घोषणा है। बजट में सभी वर्गों को सहायता देने की बात कही गई है, जो सराहनीय है। इस बजट से युवाओं को सकारात्मक समाधान मिले हैं। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल योजना एवं कृषि युवा निधि के माध्यम से युवाओं को ट्रेनिंग और लोन दिए जाएंगे, जिससे उनके लिए आत्म निर्भर बनने और रोज़गार पाने के अवसर खुलेंगे।


टैक्स का दायरा बढ़ाना अच्छा कदम: सीए रवि
सीए रवि गुप्ता ने कहा कि टैक्स का दायरा बढ़ने से लोगों को बड़ी राहत मिली है। लोगों को उम्मीद थी कि सरकार टैक्स स्लेब बढ़ाएगी और यह उम्मीद पूरी हुई है। पूरी अर्थव्यवस्था को देखें तो इंफ्रास्ट्रक्चर पर 33 प्रतिशत बजट बढ़ाना यह दर्शाता है कि हम दीर्घकालीन विकास की ओर अग्रसर हो रहे हैं। जिससे भविष्य के लिए नींव मज़बूत होगी। कृषि के क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन एक क्रान्तिकारी क़दम साबित होगा। सफ़ाई कर्मियों को मेनहोल में अब नहीं उतरना पड़ेगा। इस तरह की घोषणा से कर्मचारियों को मनोबल बढ़ेगा। यह बात इसे दर्शाता है कि सरकार अंतिम छोर पर काम करने वाले कर्मचारी का बजट में ध्यान रख रही है।