scriptJanmashtmi 2022: वृंदावन की लाखों की पोशाक व रजवाड़ी आभूषण धारण करेंगे ‘यशोदानंदन’ | Krishna Janmashtami 2022: Yashodanandan will wear Vrindavan's dress | Patrika News
जयपुर

Janmashtmi 2022: वृंदावन की लाखों की पोशाक व रजवाड़ी आभूषण धारण करेंगे ‘यशोदानंदन’

Janmashtmi 2022: छोटी काशी में कृष्ण जन्माष्टमी का उल्लास परवान पर है। शहर के देवालय हो या फिर बाजार चहुंओर कृष्ण की ही रंगत देखने को मिल रही है।

जयपुरAug 18, 2022 / 02:33 pm

SAVITA VYAS

कृष्ण जन्माष्टमी 2022: वृंदावन की लाखों की पोशाक व रजवाड़ी आभूषण धारण करेंगे 'यशोदानंदन'

कृष्ण जन्माष्टमी 2022: वृंदावन की लाखों की पोशाक व रजवाड़ी आभूषण धारण करेंगे ‘यशोदानंदन’

जयपुर। Janmashtmi 2022: छोटी काशी में कृष्ण जन्माष्टमी का उल्लास परवान पर है। शहर के देवालय हो या फिर बाजार चहुंओर कृष्ण की ही रंगत देखने को मिल रही है। ऐसा लग रहा है मानों पूरा शहर ‘कृष्णमय’ बना हुआ है। कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धु्रव और वृद्धि योग समेत अन्य विशेष संयोग में शुक्रवार को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।

इस तिथि में मध्यरात्रि में कान्हा प्रगटेंगे। वहीं, शहर के कुछ मंदिरों में दोपहर में कान्हा का जन्माभिषेक होगा। जन्माष्टमी का पर्व 19 और नंदोत्सव 20 अगस्त को मनाया जाएगा। गोविंद देव जी मंदिर, अक्षयपात्र, इस्कॉन मंदिर सहित प्रमुख मंदिरों में बधाईगान सहित अन्य आयोजन हो रहे हैं। गोविंद देव जी मंदिर में रात 12 बजे तिथि पूजन के समय 31 तोपों की सलामी के साथ 425 लीटर दूध से भगवान कृष्ण का अभिषेक होगा।

विदेशी भक्त बनाएंगे केक

मानसरोवर धौलाई स्थित इस्कॉन मंदिर परिसर स्थित गिरिधारी दाऊजी मंदिर में सुबह 4.30 से 5 बजे तक मंगला आरती होगी। 3.60 लाख की खास वृंदावन में तैयार कराई गई सिल्क की कुंदन-मीना जड़ित पोशाक के साथ ही भगवान रजवाड़ी आभूषण धारण करेंगे। सिंगापुर-थाईलैंड से मंगाए फूलों से शृंगार होगा। मंदिर अध्यक्ष पंचरत्न दास ने बताया कि विदेशी भक्त केक तैयार करेंगे। 1008 प्रकार के विशेष पकवानों का भोग लगाया जाएगा। द्वारका, श्रीनाथ जी तर्ज पर शिखर पर ध्वज चढ़ाया जाएगा।

जगतपुरा स्थित कृष्ण बलराम मंदिर में सुबह 7.30 से लेकर मध्यरात्रि तक दर्शन होंगे। वृंदावन की खास पोशाक ठाकुरजी को धारण कराई जाएगी व विदेशी फूलों के रस से भगवान का अभिषेक, श्रृंगार होगा। खास भांति-भांति के देशी-विदेशी पकवानों का भोग लगाया जाएगा। मंदिर में विशेष साज सज्जा की गई है।

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