
campus poster paste, leader on university will be named FIR
जयपुर
राजस्थान विश्वविद्यालय में अभी छात्रसंघ चुनावों की तिथि घोषित भी नहीं हुई है लेकिन छात्रनेताओं ने विश्वविद्यालय को बदरंग कर दिया है। छात्रनेता ही नहीं बल्कि इनकी आड़ में कई निजी फर्मों ने भी हाथ आजमाया और कैंपस में पोस्टर लगा कर अपना प्रचार किया है। इनमें सबसे ज्यादा पीजी हॉस्टल, प्रिंटिंग प्रेस और टिफिन सेंटर वालों ने भी विश्वविद्यालय में जगह जगह अपने विज्ञापन के पोस्टर लगा कर इसे बदरंग कर दिया है। गत तीन माह से नोटिस पर नोटिस देने से भी छात्रनेतानहीं माने है। जिसके चलते अब कैंपस में पोस्टर चिपकाने वाले पर नेता व निजी फर्मों पर विश्वविद्यालय एफआईआर करवाएगा। तीन माह में हर छात्रनेता को विश्वविद्यालय की ओर से पोस्टर नहीं चिपकाने हिदायत देने के नोटिस पर नोटिस दिए जा रहे है लेकिन फिर भी छात्रनेता और उनके समर्थक विश्वविद्यालय को बदरंग करने में पीछे नहीं है। हर छात्रनेता को विश्वविद्यालय के डीएसडब्लयू और संघटक महाविद्यालयों के प्राचार्यों की ओर से मिलाकर तीन तीन या इससे अधिक नोटिस दिए जा चुके है। वहीं डीएसडब्लयूतीन माह में तीन दर्जन से अधिक नोटिस जारी कर चुका है लेकिन विश्वविद्यालय में पोस्टर बैनरों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। इसी से परेशान होकर अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंपस में पोस्टर चिपकाने वाले छात्रनेताओं पर संपति विरूपण अधिनियम के तहत एफआईआर करवाने की तैयारी कर ली है। विश्वविद्यालय की ओर से गत दो माह में पोस्टर व बैनर उतारने पर 70 हजार रूपए खर्च करने के बाद भी कैंपस अभी तक भी बदरंग बना हुआ है। विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय की ओर से हर माह 35 हजार रूपए पोस्टर व बैनर उतारने पर ही खर्च किए जा रहे है। लेकिन फिर भी कैंपस की दीवारों,साइन बोर्ड,डिपार्टमेंट विश्वविद्यालय केंटीन से लेकर क्लासरूम तक पोस्टर व बैनर से अटे हुए है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि 35 हजार रूपए हरमाह खर्च करने के बाद भी विश्वविद्यालय पोस्टर व बैनर से बदरंग कैसे हो सकता है।
Published on:
16 Jul 2018 12:42 pm
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