
Jaipur News : लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल और भाजपा के बीच गठबंधन की चल रही चर्चाओं के बीच अब प्रदेश में आरएलडी के एक मात्र विधायक सुभाष गर्ग की भी कांग्रेस से दूरियां बढ़ती जा रही हैं। गठबंधन के बैनर पर चुनाव जीते गर्ग इन दिनों कांग्रेस के कार्यक्रमों में नजर नहीं आ रहे हैं। गर्ग और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के बीच पिछले दिनों हुई बयानबाजी के बाद अब दोनों एक बार फिर आमने-सामने हैं। डोटासरा ने जहां गर्ग की जीत को कांग्रेस की जीत बताया है तो वहीं गर्ग ने डोटासरा को कम बोलने की सलाह दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सुभाष गर्ग ने लिखा कि डोटासरा जी पहले उन लोगों के खिलाफ तो एक्शन ले लीजिए जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया और चुनाव लड़ा। इसके बाद उन्होंने सुखजिंदर सिंह रंधावा को संबोधित करते हुए लिखा कि रंधावा जी जरा इनको भी ज्ञान दो कि कम बोला करें।
इससे पहले शुक्रवार को भरतपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान डोटासरा ने सुभाष गर्ग पर निशाना साधते हुए कहा था कि गर्ग कांग्रेस की बदौलत विधायक बने हैं। उनकी वजह से कांग्रेस नहीं है। गर्ग के लिए भी कांग्रेस के दरवाजे बंद हो सकते हैं। अगर वे पांच साल कांग्रेस के लिए काम करेंगे तो हम उन्हें गले लगाएंगे नहीं तो उनसे हमारा कोई वास्ता नहीं है। गौरतलब है कि सुभाष गर्ग को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है। वर्ष 2018 में गठबंधन के चलते कांग्रेस ने भरतपुर सीट आरएलडी के लिए छोड़ी थी जिस पर सुभाष गर्ग चुनाव जीतकर गहलोत सरकार में मंत्री बने थे। इस बार भी आरएलडी-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए।
Published on:
25 Feb 2024 08:51 am
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