
Maa Kali Puja Vidhi Maa Kali Sadhana Vidhi Maa Kali Favourite Mantra
जयपुर. सनातन धर्म में मां काली की विशेष महत्ता है। इनके प्रचंड स्वरूप के ध्यान मात्र से ही शरीर के रोम-रोम में सिहरन सी हो उठती है। मां काली की पूजा-अर्चना तीक्ष्ण फल देती है पर उनकी साधना में कई कठिन नियमों का पालन करना जरूरी हैै। नियमपूर्वक साधना नहीं किए जाने पर दुष्प्रभाव की आशंका बढ जाती है। इसीलिए प्रायः दांपत्य जीवन जी रहे साधकों को माता काली की सामान्य पूजा-अर्चना करने की ही सलाह दी जाती है। दस महाविद्याओं में महाकाली साधना सबसे प्रभावशाली मानी गई है जोकि तुरंत परिणाम देती हैं।
महाकाली साधना करनेवालों को अष्टसिद्धि प्राप्त होती है। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि मां काली मूलतः श्मशान की देवी हैं। मां काली ने ही सती और पार्वती के रूप में जन्म लिया था। सती रूप में उन्होंने शिवजी को 10 महाविद्याओं के माध्यम से अपने 10 जन्मों की झलक दिखाई थी। माता काली की उपासना के लिए किसी योग्य गुरु का मार्गदर्शना लेना बहुत जरूरी है। मां काली सबसे जागृत देवी हैं। काली का अर्थ है काल अर्थात समय। मां काली के मुख्यतः 4 रूप हैंः दक्षिणा काली, श्मशान काली, मातृ काली और महाकाली।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार काली रूप में माता ने महिषासुर, चंड-मुंड, धूम्राक्ष-रक्तबीज, शुम्भ-निशुम्भ आदि राक्षसों का वध किया। त्रिशूल और तलवार माता काली के शस्त्र हैं। उनकी महिमा कालिका पुराण में उल्लेखित है। उनका प्रिय वार शुक्रवार है और प्रिय तिथि अमावस्या हैैं। मां काली का सरल मंत्र है- ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा। महाकाली की प्रसन्नता के लिए उनकी फोटो या प्रतिमा के समक्ष मंत्र जाप करना चाहिए। पूर्ण श्रद्धा से मां काली की उपासना से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।
Published on:
09 Jan 2021 04:37 pm
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