सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कारण बताओ नोटिस का जवाब कांग्रेस की अनुशासन समिति को भेज दिया है।
सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कारण बताओ नोटिस का जवाब कांग्रेस की अनुशासन समिति को भेज दिया है। जोशी ने बताया कि उन्होंने कल ईमेल के जरिए जवाब भिजवाया हैं और उसमें उस दिन की परिस्थितियों की जानकारी दी हैं और खुद की भी स्थिति स्पष्ट की है। इसमें उन्होंने कहा बताया कि उस दिन शांति धारीवाल के घर पर विधायक खुद ही स्वेच्छा से पहुंचे थे और उन्होंने किसी भी विधायक को फोन करके बैठक में नहीं बुलाया था। जोशी को जवाब देने के अंतिम दिन नोटिस मिला था और कल उन्होंने इसका जवाब भेजा है।
जोशी ने कहा था कि उन्हें गत गुरूवार को कारण बताओ नोटिस मिला हैं। जोशी ने कहा कि एआईसीसी की ओर से ई मेल पर नोटिस मिला हैं और मंत्री डॉ महेश जोशी ने नोटिस पावती की सूचना एआईसीसी को ईमेल से भेजी थी। हालांकि इससे कुछ दिन पहले वे एआईसीसी में जाकर नेताओं को अपनी सफाई दे चुके हैं। माना जा रहा है कि जोशी के जवाब का अध्ययन करने के बाद ही आलाकमान आगे की रणनीति तय करेगा।
इन नेताओं को मिला था नोटिस-
राजस्थान में चले कांग्रेस के विधायकों की बगावत के मामले को आलाकमान ने गंभीरता से लिया था। इसको लेकर प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को भेजी थी। इसके बाद पार्टी की अनुशासन समिति ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस जारी किया और 10 दिन में जवाब देने को कहा था।संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा हैं कि वे अपना जवाब दे चुके हैं।
नहीं हो पाई थी विधायक दल बैठक:
पिछली 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी थी और सभी विधायकों को इसमें आना था लेकिन देर रात तक भी गहलोत समर्थक विधायकों की नाराजगी के चलते नहीं विधायक दल की बैठक नहीं हो पाई थी और ऐसे में आलाकमान को एक लाइन का प्रस्ताव भी अटक गया था। वहीं उच्च सूत्रों के अनुसार 19 अक्टूबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद चुनाव तक राजस्थान को लेकर कोई फैसला होने की उम्मीद बहुत कम है। कांग्रेस अध्यक्ष के लिए 17 अक्टूबर को पीसीसी मुख्यालय में मतदान होगा। इसमें राजस्थान से भी 400 पीसीसी मेंबर वोट देंगे।