खेल गतिविधियों को दैनिक दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाकर युवाओं को खेल मैदानों की ओर रूख करना चाहिए।
जयपुर। खेल गतिविधियों को दैनिक दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाकर युवाओं को खेल मैदानों की ओर रूख करना चाहिए। वर्तमान समय में मोबाइल व टीवी की संस्कृति ने बच्चों व युवाओं को मानसिक बीमार सा कर दिया है। यह बात गुरूवार को भारतीय रोल बॉल महासंघ एवं राजस्थान रोल बॉल संघ के सयुंक्त तत्वावधान में सवाईमान सिंह स्टेडियम में चल रही चार दिवसीय 15 वीं राष्ट्रीय सब जूनियर बालक व बालिका रोल बॉल प्रतियोगिता के एडीजी क्राइम डॉ रवि प्रकाश मेहरड़ा ने कही। उन्होंने कहा कि रोल बॉल काफी रोमांचकारी खेल है। इसको खेलने के लिए स्टेमिना, स्ट्रेन्थ व स्पीड की आवश्यकता होती है। इस प्रतियोगिता के दौरान पहली बार रैफरियों ने स्केटिंग के जरिये रैफरीशिप की नई शुरूआत की है। राजस्थान रोल बॉल संघ के अध्यक्ष मनोहर कांत ने बताया कि अंतिम दिन शुक्रवार को प्रतियोगिता का समापन होगा। समापन समारोह के मुख्य अतिथि डीजीपी उमेश मिश्रा होंगे।
राजस्थान रोल बॉल संघ के महासचिव महेन्द्र सिंह पंवार ने बताया कि प्रतियोगिता के दौरान गुरूवार को लीग व क्वार्टर फाइनल मुकाबले खेले गए। बालक वर्ग में क्वार्टर फाइनल मुकाबला आसाम, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश,पाण्डिचरी, राजस्थान, कर्नाटक एवं महाराष्ट्र व तमिलनाडू के मध्य खेला गया। इसी बालिका वर्ग में जम्मू - कश्मीर, केरल, आसाम, झारखण्ड,महाराष्ट्र, आसाम, उत्तर प्रदेश, मेजबान राजस्थान व गुजरात के बीच हुआ। कार्यक्रम में अर्न्तराष्ट्रीय रोल बॉल फैडरेशन के महासचिव राजू दवाडे, भारतीय रोल बॉल महासंघ की अनुशासन समिति के अध्यक्ष मनोज यादव व अन्य मौजूद रहें।