राज्य सरकार अब जिलों में कम औसत मजदूरी भुगतान पर चिंता जताते हुए 185 रुपए तक का बड़ा लक्ष्य बना रही है। लेकिन आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक कोई भी जिला इस संख्या के आसपास भी नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में लक्ष्य तक पहुंचना सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित होगी। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पिछले दिनों सिरोही दौरे में योजना की समीक्षा की तो पाया कि जिले में प्रति मजदूर औसतन 119 रुपए ही मिल पा रहे हैं। पायलट ने इसे 185 रुपए तक करने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
पिछले माह से भी कम इस वित्तीय वर्ष की बात करें तो भी जुलाई की तुलना में औसत मजदूरी में फिर से कमी दर्ज की गई है। जुलाई में जहां यह 145 रुपए थी, वहीं अगस्त में अब तक 143 रुपए दर्ज की जा सकी है।
आंकड़ा 100 से नीचे
करौली, झालावाड़, जोधपुर ऐसे जिले रहे हैं, जहां औसत मजदूरी की स्थिति चिंताजनक है। इन जिलों में अभी आंकड़ा 100 रुपए से भी नीचे है। झालावाड़ में 40, जोधपुर में 95 व करौली में 98 रुपए दर्ज की है।
दी जाएगी ट्रेनिंग
सूत्रों के अनुसार जल्द ही विभाग अभियंताओं की ट्रेनिंग आयोजित करेगा। इसमें मनरेगा कामों की पैमाइश के उन्नत तरीकों के बारे में बताया जाएगा। ये अभियंता गांवों में जाकर मैट एवं योजना से जुड़े अन्य लोगों को यह प्रशिक्षण देंगे।
वित्तीय वर्ष 2019-20
माह राजस्थान गुजरात
अप्रेल 139 171
मई 135 168
जून 138 173
जुलाई 145 180
अगस्त 139 180