29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान के मंदिरों में सेवा-पूजा करेंगे मास्टर डिग्री के पुजारी, जानें क्या होगा बड़ा बदलाव

Devasthan Department: एक ओर जहां देश में एक तरफ दलितों को मंदिर में प्रवेश करने को लेकर विवाद की खबरें सामने आती है, वहीं प्रदेश के देवस्थान विभाग के मंदिरों में सामाजिक समरसता का शंखनाद सुनाई देगा। इससे बड़ा सामाजिक बदलाव भी आएगा।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Kirti Verma

Jun 16, 2023

devsthan department

पत्रिका। Devasthan Department: एक ओर जहां देश में एक तरफ दलितों को मंदिर में प्रवेश करने को लेकर विवाद की खबरें सामने आती है, वहीं प्रदेश के देवस्थान विभाग के मंदिरों में सामाजिक समरसता का शंखनाद सुनाई देगा। इससे बड़ा सामाजिक बदलाव भी आएगा।

देवस्थान विभाग की ओर से वर्ष 2014 में आयोजित पुजारी भर्ती की परीक्षा का परिणाम सितंबर, 2022 में जारी किया गया। इसके बाद गत 22 अप्रेल को पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भेजा गया। इनमें ब्राह्मणों के साथ ही दलित और पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों ने भी भगवान की सेवा-पूजा करने की इच्छा जाहिर की। फिर सफल अभ्यर्थियों को हाल ही पुजारी, सेवागीर, प्रबंधक पद पर ज्वाइनिंग करवाकर प्रशिक्षण दिलाया गया।

25 वर्ष बाद हुई परीक्षा
- वर्ष 1989 के बाद 2014 फरवरी में 65 पदों के लिए हुई थी परीक्षा

- संभाग मुख्यालय पर सात मैनेजर, मंदिरों के लिए 47 पुजारी और 11 सेवागीर शामिल

- 8,792 आवेदनों में से 6,804 अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे

- ज्वाइनिंग के बाद शुरुआत में 13 हजार रुपए से कम मिलेगा मानदेय

यह भी पढ़ें : सामान्य चिकित्सालय में दो तरह की समय सारणी से मरीज हो रहे हैं गुमराह

भगवान की सेवा-पूजा में भेदभाव नहीं होना चाहिए। हाल ही ब्राह्मण के अलावा एसटी, एससी, ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की पुजारी के पद पर नियुक्ति हुई है। इनमें महिला अभ्यर्थी भी शामिल हैं। सब पुजारी मास्टर डिग्री के साथ ही अन्य डिग्रीधारी हैं। उन्हें पूजन, पाठ की विधि से लेकर अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है।
रतनलाल योगी, सहायक आयुक्त प्रथम, देवस्थान विभाग

सभी को समानता का अधिकार है। वर्तमान समय में गर्भगृह की सफाई, देव वस्त्र खोलने सहित अन्य जानकारी दी गई है। अब ठाकुरजी की सेवा के साथ ही लोगों को भक्ति मार्ग के लिए प्रेरित करना है।
सुभाष यादव, सेवागीर, निवासी श्रीमाधोपुर

यह भी पढ़ें : अशोक गहलोत जनता का पैसा बर्बाद कर रहे हैं- जोशी

यह होगा असर
पुजारियों को पूजा-पाठ की विधि समेत मंदिर खोलने व भोग लगाने से जुड़े कार्यों का प्रशिक्षण देने के बाद मंदिरों में भेजा जाएगा। इससे मंदिर समय पर खुलने के साथ ही भगवान को भोग-आरती भी समय से हो सकेगी।


जयपुर प्रथम को मिले 29 पुजारी
देवस्थान विभाग की ओर से जयपुर प्रथम में 29 महिला-पुरुष पुजारी समेत अन्य सेवागीर लगाए गए हैं। नौ महिला पुजारी में से कुछ पीएचडी डिग्रीधारी भी हैं। इनमें चार दलित, दो पिछड़ा वर्ग के अलावा बाकी ओबीसी और सामान्य वर्ग के हैं। बीएड, एमएड, पीएचडी की शिक्षा लेने के साथ ही कई पुजारियों ने नेशनल सेमिनार में शिरकत की। वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के अंतर्गत दुर्गापुरा स्टेशन से पहली ट्रेन की रवानगी से पूर्व स्टेशन पर इन पुजारियों ने स्वस्ति पाठ का वाचन किया।