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मिलिए जयपुर की डॉ.सुदीप्ति अरोड़ा से, जज्बा ऐसा कि आंधी को बनाया पहला जीरो वेस्ट गांव

महिलाओं के सशक्त बनाने में जुटीं सुदीप्ति

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जयपुर

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Savita Vyas

Jul 04, 2023

सविता व्यास

जयपुर। गांवों में युवा जहां शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, वहीं शहर की पर्यावरण अनुसंधान वैज्ञानिक डॉ.सुदीप्ति अरोड़ा गांवों की तकदीर संवारने में जुटी हैं। सुदीप्ति का सपना गांवों में महिला प्रौद्योगिकी पार्क बनाना है, ताकि ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलें। सुदीप्ति कहती हैं कि उन्हें बचपन से पर्यावरण में रुचि थी। इसी में आगे कॅरियर बनाने की ठानी। साल 2009 में उन्होंने पर्यावरण में इंजीनियरिंग कीं। फिर आइआइटी रुढ़की से पीएचडी के दौरान लो कॉस्ट नेचर सिस्टम वर्मीफिल्ट्रेशन तकनीक पर काम किया। इसमें केंचुए का उपयोग होता है। ये तकनीक अपशिष्ट जल उपचार समाधान पर आधारित है, जिसे हाल ही पेटेंट भी मिला है। सुदीप्ति कहती हैं कि अब उनका मिशन इस तकनीक को घर-घर पहुंचाना है। इसकी शुरुआत जयपुर के नजदीक आंधी गांव से हुई। वहां सॉलिड वेस्ट को अलग-अलग नहीं किया जाता था। लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया। अब गांव की पहचान जीरो वेस्ट मॉडल के रूप में हो रही है। गांव में सॉलिड वेस्ट और ग्रे वाटर को एक साथ ट्रीट किया जा रहा है।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर मिला सम्मान
गांवों में अपशिष्ट जल उपचार पर काम करने के साथ ही बेरोजगारी एवं महिला सशक्तीकरण पर भी काम कर रही हैं। सुदीप्ति अब प्राकृत नाम से एनजीओ शुरू कर शहर में कंपोस्टिंग की सर्विस दे रही हैं। भारत सरकार की ओर से उन्हें पिछले वर्ष जल जीवन मिशन के तहत यंग वाटर प्रोफेशनल का प्रथम पुरस्कार मिल चुका है। वह अंतरराष्ट्रीय जल संघ की सदस्य हैं। वर्ष 2010 से वॉश परियोजनाओं से जुड़ी हुई हैं। उन्हें यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड भी मिल चुके हैं। वह भारत सरकार की ओर से वित्त पोषित इंडो-यूरोपीय परियोजना में शामिल हैं।