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पुरुष परिवार नियोजन की जिम्मेदारी से दूर,​स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों के बाद भी नहीं बढ़े पुरुष नसबंदी के मामले

परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी को बढावा देने के लिए पुरुष नसबंदी पखवाड़े की शुरुआत आज से

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Men away from the responsibility of family planning

Men away from the responsibility of family planning

स्वास्थ्य विभाग की ओर से परिवार नियोजन को लेकर आज से अभियान शुरू हो गया हैं। परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी भी बढ़े, इसके लिए प्रदेशभर में पुरुष नसबंदी पखवाड़े की शुुरुआत हुई है। लेकिेन समाज में फैले मिथक और भ्रामक प्रचार व जिम्मेदारियों से बच रहे पुरुष लगातार राज्य सरकार के इस अभियान का फेल करते जा रहे हैं।

राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे भारत में परिवार नियोजन की जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं की ही हैं। सरकार के अथक प्रयासों के बावजूद भी पुरुष नसबंदी करवाने से दूर हैं।

नेशनल फैमिली हेल्‍थ सर्वे-5 की रिपोर्ट की माने तो भारत में परिवार नियोजन के तहत 37.9% महिलाओं ने नसबंदी कराई है, वहीं सिर्फ 0.3% पुरुषों ने नसबंदी कराने का फैसला लिया हैं।

लेकिन ऐसे ही आंकड़ों के बीच राजस्थान में आज से 4 दिसम्बर फिर से पुरुषों को नसबंदी करवाने के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से प्रेरित किया जाएगा।इसी को लेकर विभाग ने विशेष अभियान की शुरुआत की हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम डॉ. विजय सिंह फौजदार ने बताया कि परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी कम है। इसे ही बढाने और समाज में जागरूकता लाने के साथ ही चिकित्सा संस्थानों पर पुरुष लभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण नसबंदी सेवाएं प्रदान करने के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई है।

समाज में फैले मिथकों के कारण पुरुष अभी भी नसबंदी करवाने से घबराते हैं। जबकि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की नसबंदी आसान हैं। पुरुष नसबन्‍दी करने में केवल 5-10 मिनट का समय लगता है और कोई चीरा भी नहीं लगता है। साथ ही व्यक्ति 48 घंटे बाद फिर से सामान्य कामकाज करना शुरू कर देता है। जबकि महिलाओं के बड़े चीरा लगाना होता है और उन्हें फिर से सामान्य कामकाज करने में अधिक समय लगता है।

जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकार की ओर से चलाए जा रहे कार्यक्रम व योजनाओं के बाद भी महिलाओं की तुलना में पुरुष नसबंदी के आंकड़े काफी कमजोर हैं। आंकड़ों के अनुसार नसबंदी कराने वाले पुरुष महज दो फीसदी ही है। आंकड़ों की माने तो परिवार नियोजन का जिम्मा 98 फीसदी महिलाओं पर हैं।राजस्थान में साल 2019 में कुल 257310 पुरुष महिलाओं ने नसबंदी करवाई थी। जिसमें से सिर्फ 3106 पुरुष थे। साथ ही 260416 महिलाओं ने नसबंदी करवाकर परिवार नियोजन का जिम्मा अपने पर लिया था।