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एक दिवाली ऐसी भीः मासूमों के हाथ में बारूद,पटाखा दुकानों पर बैठे रहे नाबालिग बच्चे

बड़ी चौपड़ से चांदी की टकसाल त्रिपोलिया बाजार और पूरे जलेब चौक में सड़क पर खड़े होकर बच्चे पटाखे बेचते हुए नजर आ रहे है।

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जयपुर

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Rajesh

Oct 19, 2017

crackers

एक ओर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से शहर में पटाखा बिक्री के एक हजार से ज्यादा लाइसेंस दिए गए हैं वहीं दूसरी ओर बड़ी चौपड़ से चांदी की टकसाल त्रिपोलिया बाजार और पूरे जलेब चौक में बड़ पैमाने पर बिना लाइसेंस के बड़ी संख्या में पटाखें बेचे जा रहे हैं। आपको बता दें कि जयपुर शहर में पटाखा लाइसेंस के लिए 1900 आवेदन आए थे इनमें से पात्र पाएं गए 1615 दुकानदारों को लाइसेंस जारी किए गए। सड़क पर खड़े होकर बेचे जा रहे पटाखों से जहां बार बार जाम लग रहा है वहीं बड़ी संख्या में इसमें बच्चे भी शामिल है।

सरकार ने भले ही चाइना के पटाखों पर रोक लगा दी है और 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सीधे पटाखे बेचने एवं दुकानों पर 18 साल से कम उम्र के बच्चों को काम पर रखने पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। लेकिन शहर में इस निर्देश का जरा भी पालन नहीं कराया जा रहा है। स्थिति यह है कि कई पटाखा दुकानों पर नाबालिग बच्चे पटाखे बेचते नजर आ रहे है। मजेदार बात तो यह है कि इन दुकानों पर कई सरकारी विभाग से लेकर पुलिस विभाग तक के लोग पटाखा खरीदते दिखे। यहां तक कि पुलिस की मौजूदगी के बाद भी बिना लाइसेंस अवैध पटाखा बिक्री से सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के पटाखा बिक्री से किसी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है और ऐसे में अगर कोई बड़ा हादसा हो जाए तो इसकी जवाबदेही कौन लेगा।

गौरतलब है कि शासन के सीधे निर्देश थे कि बच्चे अभिभावक के साथ जाने पर ही पटाखे खरीद सकेंगे। किसी भी दुकान पर 18 साल से कम उम्र के बच्चों को काम पर रखने वालों के खिलाफ भी प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाएगी। इनके अलावा खुले में आवासीय भवन में पटाखा बिक्री न करने, पेट्रोल पम्प व ज्वलनशील पदार्थ वाले स्थानों से दुकान की दूरी करीब 15 मीटर की दूरी हो, खुले में पटाखा न सजाया जाए, तहखाने में पटाखों की दुकान न खोली जाए, गली व सकरी सड़कों पर पटाखों की दुकान नहीं होनी चाहिए, दुकानों के बाहर पटाखों को नहीं रखा जाए जैसे आदेश दिए थे। इन नियमों को बनाकर हर साल पुलिस अवैध पटाखा बिक्री पर रोकथाम का दावा करती है। इसके लिए पुलिसकर्मी तैनात भी रहते है लेकिन पुलिस किसी पर कार्रवाई नहीं करती है। इस वजह से अवैध पटाखा बिक्री लगातार बढ़ रही है। इन पटाखा की गुणवक्ता भी घटिया श्रेणी की है। सबसे बड़ी बात यह है आसपास के पटाखा कारोबारी ही पुराना स्टॉक या घटिया माल इनके जरिए बाजार में बेचते हैं।