जयपुर। प्रदेश में दक्षिण पश्चिमी मानसून की बेरूखी बरकरार है। वहीं अगले दस दिनों तक प्रदेश में मानसून सुस्त रहने और गर्मी के तेवर तीखे रहने की आशंका है। फिलहाल मानसूनी मेघ हिमालय के तराई क्षेत्र में डटे हुए हैं और प्रदेश में विंड पैटर्न में बदलाव नहीं होने से मानसून के प्रदेश का रूख करने की संभावना कमजोर है। ऐसे में आगामी 10 दिनों तक प्रदेशवासियों को गर्मी और उमस से राहत मिलने की संभावना कम है। दूसरी तरफ बारिश के थमे दौर से नदियों में भी पानी का बहाव कम हो चला है। जिसके चलते प्रदेश के प्रमुख बांधों में भी पानी की आवक अब कम होने लगी है।
हिमालय तराई क्षेत्र में रूका मानसून
मौसम विभाग के अनुसार हिमालय के तराई क्षेत्र में अभी मानसून सक्रिय है। दिल्ली मौसम केंद्र ने अगले 24 घंटे में उत्तराखंड समेत उत्तर पूर्वी राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया है। वहीं प्रदेश में बीते सप्ताहभर से मौसम शुष्क रहने पर गर्मी और उमस से आमजन हलकान है। आगामी 10 दिन में प्रदेश में विंड पैटर्न में बदलाव होने और उत्तरी हवाएं चलने पर मानसूनी मेघ फिर से प्रदेश की ओर रूख कर झमाझम बरसेंगे ।
मौसम शुष्क, पारा 36 डिग्री पार
बारिश नहीं होने से प्रदेश में फिर से पारे ने रफ्तार पकड़ ली है। हनुमानगढ़, चूरू समेत कई जिलों में दिन में पारा 36 डिग्री से ज्यादा दर्ज हो रहा है। वहीं रात के तापमान में भी आंशिक बढ़ोतरी दर्ज हो रही है। पश्चिमी सतही हवाएं चलने व आसमान साफ रहने पर दिन में धूप की तीखी चुभन भी महसूस हो रही है।
बीसलपुर में जलस्तर स्थिर
जयपुर की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध में पानी की आवक के बावजूद बांध के जलस्तर में बढ़ोतरी बीते सप्ताहभर से थमी हुई है। पिछले 7 दिन से बांध का जलस्तर 314.01 आरएल मीटर पर ठहरा हुआ है। बांध से जयपुर शहर को जलापूर्ति होने पर बांध का जलस्तर रोजाना एक सेमी घटता है लेकिन सहायक नदियों से पानी की आवक धीमी रफ्तार से जारी रहने पर अभी बांध का गेज स्थिर है। बारिश नहीं होने से त्रिवेणी नदी में भी पानी का बहाव 2.70 मीटर पर रह गया है। आगामी दिनों में भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिले में भारी बारिश के एक दो दौर होने पर ही बीसलपुर बांध छलकने की उम्मीद है। बांध का कुल जलभराव 315.50 आरएल मीटर है और अब भी बांध छलकने से 1.50 मीटर दूर है।