
करोड़ों साल पहले 'महा विनाश' के बाद भी जिंदा रहे कुछ 'गोर्गोनोप्सियन'
वॉशिंगटन. एक नए शोध में पर्मियन काल (25-30 करोड़ साल पहले) के आखिर में 'गोर्गोनोप्सियन' नाम के जीवों के विलुप्त होने के बारे में नई जानकारी सामने आई है। अब तक माना जाता था कि उस समय पृथ्वी पर अधिकांश जीवों के साथ इन विचित्र जानवरों की भी मौत हो गई थी। लेकिन वैज्ञानिकों के नए शोध के मुताबिक ऐसे कुछ जानवर ट्रायसिक काल (20-25 करोड़ साल पहले) तक जिंदा रहे। हालांकि उनकी संख्या काफी कम हो गई थी। दक्षिण अफ्रीका के कारू बेसिन में पाए गए तीन नमूनों के विश्लेषण से पता चला है कि ये जीव पर्मियन काल के 'महा विनाश' में बच गए थे।
करीब 25.19 करोड़ साल पहले 'महा विनाश' के दौरान कई ज्वालामुखी फटने से पृथ्वी पर भारी तबाही हुई थी। धरती की करीब 90 फीसदी प्रजातियां विलुप्त हो गई थीं। गोर्गोनोप्सियन अपवाद थे। ऐसे कई जानवर आश्चर्यजनक ढंग से 'महा विनाश' के बाद भी जिंदा रहे। हालांकि बचने के बावजूद उनके लिए संभावनाएं बहुत अच्छी नहीं थीं। उत्तरी कैरोलिना म्यूजियम में जीवाश्म विज्ञान के क्यूरेटर और इस प्रोजेक्ट के सह-शोधकर्ता क्रिश्चियन कम्मेरर ने बताया कि ऐसे बचे हुए जीवों को 'डेड क्लेड वॉकिंग' कहा जाता है। ये ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रहते। गोर्गोनोप्सियन भी कुछ समय बाद विलुप्त हो गए।
पारिस्थितिकी तंत्र में नहीं हो पाती वापसी
शोधकर्ताओं का कहना है कि 'डेड क्लेड' लाखों साल तक जिंदा तो रह सकते हैं, लेकिन पारिस्थितिकी तंत्र में कभी वापस नहीं आ पाते। जिन जीवों पर ये निर्भर रहते हैं, उनके खत्म होने से इनका भी खात्मा होने लगता है। इन जीवों से जुड़ा शोध कनाडा के टोरंटो में सोसाइटी ऑफ वर्टेब्रेट पेलियंटोलॉजी के सालाना सम्मेलन में पेश किया गया। फिलहाल यह किसी जर्नल में प्रकाशित नहीं हुआ है।
25 करोड़ साल पुरानी खोपड़ी मिली
गोर्गोनोप्सियन को डायनासोर से पहले के जीव माना जाता है। डायनासोर 23 से 24 करोड़ साल पहले दुनिया में आए। इनके पहले के जीवों को ग्रीक की पौराणिक कथाओं के राक्षस गॉर्गन्स के नाम पर गोर्गोनोप्सियन कहा गया। शोधकर्ताओं ने कारू बेसिन से गोर्गोनोप्सियन की एक आंशिक खोपड़ी का पता लगाया, जो 25.19 करोड़ से 25.12 करोड़ साल पुरानी थी।
Published on:
07 Dec 2022 12:21 am
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