
प्रदेश के अधिकांश सरकारी कॉलेजों में प्राचार्य नहीं
जयपुर. प्रदेश में उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज तो खोल दिए गए, लेकिन उनमें शिक्षकों व प्राचार्यों के पद ही रिक्त पडे है। प्रदेश में कुल 292 कॉलेज है और इनमें से 290 का संचालन हो रही है। यहां पर केवल 25 कॉलेज में ही प्राचार्य नियुक्त है और 267 कॉलेजों में प्राचार्य के पद रिक्त चल रहें हैं। विधानसभा में तारांकित प्रश्न के माध्यम से विधायक वासुदेव देवनानी ने जानकारी मागी कि प्रदेश में कुल कितने राजकीय महाविद्यालय संचालित हैं? उक्त महाविद्यालयों में प्राचार्य एवं उप प्राचार्य के कितने पद स्वीकृत हैं और इन पदों को भरने के लिए सरकार की क्या योजना है? इसके जवाब में बताया कि प्रदेश में कुल 292 राजकीय महाविद्यालय में से वर्तमान में 290 संचालित है। राजकीय महाविद्यालय, सांगानेर व राजकीय विधि महाविद्यालय, डूंगरपुर को सत्र 2020-21 से प्रारम्भ किया जाएगा। वर्तमान में प्राचार्य के 292 पद स्वीकृत है तथा 32 उपाचार्य कार्यरत है। उपाचार्य संवर्ग मृत संवर्ग होने के कारण नियमानुसार शेष पद समाप्त हो चुके है। महाविद्यालयों में प्राचार्य के 267 पद रिक्त है तथा राजस्थान शिक्षा सेवा (महाविद्यालय शाखा) नियम, 1986 में संशोधन की अधिसूचना दिनांक 31.01.2018 में विहित प्रावधानों के अनुसार उपाचार्य संवर्ग मृत संवर्ग होने के कारण उपाचार्य का कोई भी पद रिक्त नहीं है। उक्त नियम, 1986 में संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से, विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित नहीं होने के कारण प्राचार्य के पद रिक्त है। प्राचार्य के रिक्त पदों को विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित कर भरा जाएगा और उपाचार्य संवर्ग मृत संवर्ग होने के कारण उपाचार्य का कोई भी पद रिक्त नहीं है।
इन कॉलेज में ही प्राचार्य
राजकीय महाविद्यालय गोगुन्दा, सराडा, टोडारायसिंह, कन्या सादुलशहर, अनूपगढ, सिरोही, नीमका थाना, कन्या नीम का थाना, कला कन्या कोटा, वाणिज्य कोटा, कोटा, कन्या शाहपुरा, राज स्कूल आफ आर्टस, कोटपुतली, काला डेरा, कला चिमनपुरा, बांदीकुई, कन्या बूंदी, कन्या भीलवाडा, गोविन्दगढ, कन्या अलवर, वाणिज्य अलवर, कला अलवर, ब्यावर, अजमेर।
Published on:
11 Mar 2020 10:32 am
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